शिमला, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज राजकीय कन्या महाविद्यालय शिमला में 9 करोड़ रुपये की लागत से बने ब्लॉक-सी भवन का लोकार्पण किया। इसके बाद उन्होंने महाविद्यालय के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह 2023-24 में भाग लिया, जहां विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसके लिए मुख्यमंत्री ने दो लाख रुपये देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने आरकेएमवी की सभी कक्षाओं को स्मार्ट क्लासरूम बनाने और नया छात्रावास बनाने के लिए पूर्ण धनराशि उपलब्ध करवाने की घोषणा की। उन्होंने महाविद्यालय में डिजिटल लाइब्रेरी बनाने और विज्ञान ब्लॉक के जीर्णोद्धार के लिए 50 लाख रुपये प्रदान करने की भी घोषणा की। वर्तमान राज्य सरकार ने सी-ब्लॉक के निर्माण के लिए छह करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध करवाई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव ला रही है ताकि शिक्षा के स्तर में सुधार हो सके, और इसके लिए सभी के सहयोग की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, हमारा उद्देश्य नए स्कूल और महाविद्यालय खोलना नहीं है, बल्कि अध्यापकों की समुचित तैनाती और अन्य सुविधाएं जुटाना आवश्यक है। यह चिंता का विषय है कि हम गुणात्मक शिक्षा में देशभर में 21वें स्थान पर पहुंच गए हैं। हमने फैसला किया है कि शैक्षणिक सत्र के बीच अध्यापकों का स्थानांतरण नहीं होगा, और हमें भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप नीतियां बनानी होंगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गांवों में भी बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के प्रयास कर रही है और सभी विधानसभा क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं।
लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जैसे लड़कियों की शादी योग्य आयु को 18 से बढ़ाकर 21 करना। लैंगिक असमानता को दूर करने के उद्देश्य से ‘हिमाचल प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा अधिनियम-1972’ में संशोधन किया गया है, जिससे वयस्क बेटियों को पैतृक संपत्ति में 150 बीघा भूमि की एक अलग इकाई रखने का अधिकार मिलेगा। इसके अतिरिक्त, पुलिस की भर्ती में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
अपने छात्र जीवन को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 वर्ष की आयु में उन्होंने अपना पहला चुनाव लड़ा था। उन्होंने आरकेएमवी महाविद्यालय के छात्रों की उपलब्धियों की सराहना की, जिनमें हिमाचल की पहली इंडियन फॉरेन सर्विस अधिकारी विजया ठाकुर और आईपीएस अधिकारी तिलोतमा वर्मा शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की चुनौतियां बहुत अलग हैं। युवाओं को दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 4000 अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है, और विधवाओं के 23 हजार बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है।
इसके अतिरिक्त डॉ. वाई एस परमार विद्यार्थी ऋण योजना के तहत गरीब विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज पर 20 लाख रुपये का ऋण उच्च शिक्षा के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने नशे से बचाने के लिए राज्य में व्यापक अभियान शुरू करने की भी बात की, और जिला सिरमौर के पच्छाद उपमंडल में कोटला-बड़ोग में राज्य स्तरीय नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित करने की योजना का उल्लेख किया।
—————
(Udaipur Kiran) शुक्ला