Uttar Pradesh

राजर्षि टंडन ऐप विकसित करेगा मुक्त विश्वविद्यालय : प्रो. सत्यकाम

सम्बोधित करते कुलपति

– एक क्लिक पर मिलेगी प्रवेश, परीक्षा तथा रिजल्ट की सूचना

– कुलपति ने किया एक वृक्ष राजर्षि के नाम अभियान की शुरुआत

प्रयागराज, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए यूपीआरटीओ ऐप विकसित करेगा। जिससे एक ही क्लिक पर नामांकित छात्र को प्रवेश से लेकर परीक्षा और परिणाम की सभी सूचनाएं प्राप्त होगी।

यह जानकारी उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने गोरखपुर क्षेत्र केंद्र से सम्बंध अध्ययन केद्रों के समन्वयक कार्यशाला में दी। रविवार को दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज में कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि कुलपति ने समन्वयकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज हर युवा के हाथ में मोबाइल है। विश्वविद्यालय ने अधुनातन टेक्नोलॉजी का सहारा लेते हुए महत्वपूर्ण सूचनाओं से आच्छादित ऐप को विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। जिसका सुपरिणाम शीघ्र देखने को मिलेगा। एक क्लिक पर प्रवेश, काउंसलिंग, अधिन्यास, परीक्षा एवं रिजल्ट की जानकारी उन्हें प्राप्त हो सकेगी।

प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि हमें राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों की गुणवत्ता को बढ़ाना है, जिससे हमारे विद्यार्थियों की पहुंच अंतरराष्ट्रीय स्तर तक हो। इसके लिए हमें सभी अध्ययन केंद्र समन्वयकों का भरपूर सहयोग चाहिए। उन्होंने कहा कि कई ऐसे अध्ययन केंद्र समन्वयक हैं जिन्होंने अभी तक मुक्त विवि नहीं देखा है। हम उनकी योग्यता के आधार पर विवि का परीक्षक नियुक्त करेंगे। जिससे वह विश्वविद्यालय में आकर मूल्यांकन कार्य कर सकें।

अध्यक्षता करते हुए जननायक विश्वविद्यालय, बलिया के कुलपति प्रोफेसर संजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि मुक्त विवि की नामांकन संख्या संवाद, सम्पर्क, समन्वय एवं सहयोग के माध्यम से ही बढ़ाई जा सकती है। नामांकन कराने के लिए सम्वाद एवं सम्पर्क बहुत जरूरी है। इसके उपरांत समन्वय और सहयोग के भाव से ही विद्यार्थी के अंदर संतुष्टि का भाव आएगा। मुक्त विवि के अध्ययन केंद्र के 6 वर्षों तक समन्वयक का दायित्व निभा चुके प्रो गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय की सेवा करने के लिए कृतज्ञता का भाव होना चाहिए। कृतज्ञता के भाव से ही समाज में जो अंधकार है उसे दूर किया जा सकता है। व्यक्ति के जीवन की सार्थकता तभी है जब उसका उपयोग समाज की सेवा के लिए हो।

इस अवसर पर गोरखपुर क्षेत्रीय केंद्र से सम्बद्ध गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, संत कबीरनगर तथा सिद्धार्थनगर से आए डॉ राजीव श्रीवास्तव, डॉ विकास कुमार श्रीवास्तव, डॉ वेद प्रकाश पांडेय, प्रो महबूब आलम, डॉ सुशील कुमार पांडेय आदि ने छात्र संख्या बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। कार्यशाला में प्रभारी प्रवेश प्रो. जयप्रकाश यादव ने समर्थ पोर्टल पर प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी समन्वयकों को दी। उन्हाेंने बताया कि प्रवेश प्रक्रिया से सम्बंधित वीडियो वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। समन्वयक उसे देखकर छात्रों की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।

परीक्षा नियंत्रक डीपी सिंह ने प्रतिभागियों की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रयोगात्मक परीक्षा हेतु सभी जिलों में परीक्षा केंद्र बनाने जाने का प्रयास किया जाएगा। कुलपति द्वारा दिए गए लक्ष्य एक लाख की प्रवेश संख्या को 1 लाख 20 हजार तक पहुंचाने के लिए अपना पूरा दमखम लगा दें। मेहनत से किए गए कार्य में सफलता अवश्य प्राप्त होती है। कार्यशाला का संचालन डॉ ब्रजेश मिश्रा तथा क्षेत्रीय केंद्र गोरखपुर के समन्वयक डॉ प्रवीण कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया। डॉ बृजेश पांडेय प्राचार्य, रामजी सहाय डिग्री कॉलेज ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ संजय पांडेय ने किया।

इसके पूर्व कुलपति प्रो सत्यकाम ने रविवार को विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र के अधिकृत भूखंड पर वृक्षारोपण जन अभियान के अंतर्गत एक वृक्ष राजर्षि के नाम पर रोपित किया। कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि पर्यावरण को हरा भरा रखने के लिए यह अभियान सतत रूप से जारी रहेगा। विश्वविद्यालय से बाहर भी हम वृक्षारोपण अभियान चलाते रहेंगे।

विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि कुलपति प्रो सत्यकाम ने समाज के नागरिकों से अपील की कि सभी को मानवता की सेवा करते हुए पर्यावरण को संरक्षित करने का संकल्प लेना चाहिए। इस अभियान में जो भी पौधा लगाया जाए उसकी परवरिश का जिम्मा जरूर उठाना चाहिए। जिससे वह बड़ा होकर लोगों को छांव दे सके। जलवायु परिवर्तन के इस दौर में वृक्ष ही हमें जीवन दायिनी शक्ति प्रदान कर सकते हैं।

(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र / मोहित वर्मा

Most Popular

To Top