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उप्रः आंधी के बाद झांसी के मंदिर परिसर में मृत पड़े मिले एक हजार करीब तोते

मृत पड़े तोते,कुछ को इलाज कराते लोग

बिजली कौंधने पर आपस में टकराने या फिर बर्ड फ्लू से मौत की आशंकापोस्टमार्टम के बाद बिसरा व सैंपल जांचके लिए भेजे भोपाल

झांसी, 22 मई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के झांसी में बुधवार को भीषण आंधी तूफान से मंदिर प्रांगण में लगे पीपल के पेड़ पर बैठे सैकड़ों की तादाद में तोतों की मौत हो गयी। वन विभाग की टीम द्वारा कुछ जीवित बचे घायल तोतों का इलाज कराया गया। आशंका है कि देर रात चली आंधी और आकाशीय बिजली कौंधने की वजह से तोते एक दूसरे से टकरा गए होंगे। इस कारण उनकी मौत हो गयी। दूसरी ओर बर्ड फ्लू का अंदेशा भी जताया जा रहा है। पशु चिकित्साधिकारी चंद्रप्रकाश ने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद तोतों का बिसरा और सैंपल जांच के लिए भोपाल लैब भेजे गये हैं। इससे मौत की वजह स्पष्ट हो जाएगी। उधर एक साथ भारी संख्या में तोतों की मौत से क्षेत्र में खलबली का आलम हैं।

झांसी जिले में गुरसराए ब्लॉक स्थित सिंगार गांव में एक मंदिर में एक प्राचीन पीपल का पेड़ लगा हुआ है। इस पर बड़ी संख्या में तोते रहते हैं। बुधवार देर रात आई आंधी तूफान के बाद जब सुबह लोग मंदिर पूजा में लिए पहुंचे तो मंदिर के आंगन में सैकड़ों की तादाद में तोते जमीन पर मरे हुए पड़े दिखाई दिए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पीपल के नीचे करीब 50 मीटर के क्षेत्र में सिर्फ तोते ही पडे थे। क्षेत्रीय वन अधिकारी अवधेश प्रताप सिंह बुंदेला के नेतृत्व में एक टीम मौके पर पहुंची जो जीवित जख्मी तोतों को इलाज के लिए ले गई। इसके अलावा कुछ मृत तोतों को पोस्टमार्टम के लिए बांमौर पशु चिकित्सालय भेजा गया।

तोतों के इतनी बड़ी संख्या में मरने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि केवल एक पेड़ के सिवाय किसी पास के अन्य पेड़ पर किसी तोते या फिर किसी दूसरे पक्षी की मौत नहीं हुई। घटनास्थल पर जीवित मिले करीब 50 तोतों के इलाज के बाद वन विभाग की टीम जहां अपने साथ ले गयी ,वहीं करीब 1,000 मृत तोतों को दफनाया दिया गया।

पशु चिकित्साधिकारी चंद्रप्रकाश ने कहा कि सिंगार गांव में कुछ तोते मृत और घायल अवस्था में मिले थे। सभी घायल तोतों का इलाज पशु चिकित्सालय में किया जा रहा है। उनकी स्थिति अब सामान्य है।वहीं मृत तोतों का पोस्टमार्टम किया गया है। इनका बिसरा और ऑर्गन के सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए भोपाल भेजे गये हैं। प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि देर रात चली तेज आंधी और उसके साथ बिजली की चमक और तेज आवाज के कारण ऐसा हुआ। तोते तेज आवाज से डरते हैं।उधर बर्ड फ्लू की भी आशंका व्यक्त की जा रही है।

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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया

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