
नई दिल्ली, 28 अप्रैल (Udaipur Kiran) । वन स्टेट वन आरआरबी पॉलिसी यानी एक राज्य में एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की नीति 1 मई से लागू हो जाएगी। मतलब सिर्फ दो दिन बाद 1 मई से देश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की संख्या घट कर सिर्फ 28 रह जाएगी। फिलहाल देश में कुल 43 ग्रामीण बैंक कार्यरत हैं। ये सभी ग्रामीण बैंक उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, कर्नाटक, राजस्थान और महाराष्ट्र के हैं।
पूरे देश के ग्रामीण इलाकों में काम कर रहे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की सर्विस को और बेहतर बनाने के लिए देश के 11 राज्यों में कार्यरत 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के विलय का फैसला लिया गया था। इस संबंध में 8 अप्रैल को ही वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना भी जारी की थी। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के एकीकरण का ये चौथा चरण होगा। इसके पहले भी चीन चरणों में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या कम की गई है। इस चौथे चरण के पूरा होते ही आरआरबी की संख्या घटकर 28 रह जाएगी। इसके पहले 2006 से 2010 के बीच आरआरबी की संख्या 196 से घटाकर 82 कर दी गई थी। इसके बाद दूसरे चरण (2013 से 2015) में आरआरबी की संख्या 82 से घटा कर 56 कर दी गई, जबकि तीसरे चरण में इनकी संख्या कम करके 43 कर दी गई थी।
वित्त मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार हर एक राज्य में मौजूद सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को इंटीग्रेट करके एक मजबूत बैंक बनाया जाएगा, जो अपने राज्य के ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सर्विस देने का काम करेगा। इसके तहत उत्तर प्रदेश में बडौदा यूपी बैंक, प्रथम यूपी ग्रामीण बैंक और आर्यावर्त बैंक को मिलाकर उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा, जिसका मुख्यालय लखनऊ में होगा।
इसी तरह बिहार में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का विलय करके बिहार ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा। इसका स्पॉन्सर पंजाब नेशनल बैंक रहेगा। वहीं गुजरात में बड़ौदा गुजरात ग्रामीण बैंक और सौराष्ट्र ग्रामीण बैंक को मिलाकर गुजरात ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा। पश्चिम बंगाल में बंगिया ग्रामीण विकास बैंक, उत्तर बंग क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और पश्चिम बंग ग्रामीण बैंक को मिला करके पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा। जम्मू कश्मीर में जे एंड के ग्रामीण बैंक और एल्लाकई देहाती बैंक का विलय करके जम्मू कश्मीर ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा। इसका मुख्यालय जम्मू में होगा।
आंध्र प्रदेश में चार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, सप्तगिरि ग्रामीण बैंक, आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक और आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक को मिलाकर आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा। इसका मुख्यालय अमरावती में होगा और इसको इसका स्पॉन्सर बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया होगा। इसी तरह कर्नाटक, महाराष्ट्र ओडिशा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी दो-दो क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय करके एक-एक नया क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक
