Jammu & Kashmir

संघर्ष विराम रचनात्मक सहयोग का एक मौका: गुलचैन सिंह चाढ़क

जम्मू, 10 मई (Udaipur Kiran) । पूर्व मंत्री और डोगरा सदर सभा (डीएसएस) जेएंडके के अध्यक्ष गुलचैन सिंह चाढ़क ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का स्वागत किया है और इसे क्षेत्र में शांति की दिशा में एक बहुत जरूरी कदम बताया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान को सीमा पर तनाव भड़काने के अपने इतिहास को स्वीकार करना चाहिए, जिसके परिणामस्वरूप लगातार विफलता मिली है।

चाढ़क ने कहा 1947 से भारत ने न केवल रणनीतिक और नैतिक रूप से बढ़त बनाए रखी है बल्कि बार-बार शांति का रास्ता चुनकर उल्लेखनीय संयम भी दिखाया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नवीनतम संघर्ष विराम पाकिस्तान के लिए यह एहसास करने का एक मौका है कि प्रगति संवाद में है, व्यवधान में नहीं।

पाकिस्तान से अपने पिछले कार्यों की अप्रभावीता पर विचार करने का आग्रह करते हुए चाढ़क ने सार्थक और शांतिपूर्ण सहयोग की ओर कदम बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह संघर्ष विराम एक और अल्पकालिक समझौता नहीं होगा, बल्कि स्थायी स्थिरता की ओर एक कदम होगा। उन्होंने कहा कि डोगरा सदर सभा को पूरी उम्मीद है कि युद्ध विराम कायम रहेगा और इससे पूरे क्षेत्र का भविष्य अधिक शांतिपूर्ण और सुरक्षित होगा।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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