ऊना, 29 अगस्त (Udaipur Kiran) । ऊना जिला प्रशासन ने सामर्थ्य कार्यक्रम का दायरा बढ़ाते हुए इसमें दो नए घटकों को शामिल किया है। इन नए घटकों के तहत गरीब परिवारों की बच्चियों को नीट और यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
उपायुक्त जतिन लाल ने गुरुवार को इन घटकों का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह पहल सुनिश्चित करेगी कि वित्तीय कठिनाइयां नीट और यूपीएससी की तैयारी में बाधा न बनें। यह कदम गरीब परिवारों की बच्चियों को उच्च स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करेगा और उनके डॉक्टर और आईएएस-आईपीएस बनने के सपनों को साकार करने में सहायक होगा।
जतिन लाल ने इस अवसर पर कहा कि सामर्थ्य कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं, महिलाओं और समाज के विभिन्न वर्गों को सशक्त बनाना और सामुदायिक विकास को प्रोत्साहित करना है। नई पहल के तहत, गरीब परिवारों की वे लड़कियाँ जो नीट और यूपीएससी की तैयारी कर रही हैं, उनकी आर्थिक मदद की जाएगी। इसमें लाभ पाने के लिए वे लड़कियां पात्र होंगी, दुर्भाग्यवश जिनके पिता का निधन हो चुका है या 70 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग हैं । वे ग्रेजुण्शन की पढ़ाई कर रही हों तथा उनके परिवार की वार्षिक आय 50 हजार से अधिक ना हो और उन्होंने किसी अन्य योजना का लाभ ना लिया हो। पात्र लड़कियों की आयु 24 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए और वे ऊना जिले की स्थाई निवासी होनी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए उपायुक्त कार्यालय के कमरा नंबर 413 में संपर्क किया जा सकता है।
बता दें, पहले से ही, प्रशासन ने सामर्थ्य कार्यक्रम के तहत गरीब परिवारों की बच्चियों को उच्च शिक्षा के लिए दाे लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता और बेटियों की शादी के लिए भी मदद का प्रावधान किया है।
उपायुक्त ने सभी जिला वासियों से इस पहल में भागीदार बनने और अपनी सामर्थ्य के अनुसार आर्थिक सहयोग देने की अपील की है।
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(Udaipur Kiran) / विकास कौंडल