भागलपुर, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले के सबौर के प्रशिक्षण-सह-सभागार कक्ष में कृषक उत्पादक संगठन के पदाधिकारियों का सोमवार को एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया गया। जिसका उद्घाटन डा॰ ए॰ के॰ साह अधिष्ठाता कृषि बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर द्वारा दीफ प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर डॉ आर॰ के॰ सोहाने निदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ एम॰ के॰ वाधवानी निदेशक प्रशासन बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, डॉ राजेश कुमार वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान कृषि विज्ञान केन्द्र सबौर, डॉ अनिल यादव जिला कृषि पदाधिकारी भागलपुर, सी॰के॰ सिन्हा डी॰डी॰एम नाबार्ड भागलपुर सहित जिले के 16 कृषक उत्पादक संगठन के पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने कृषक उत्पादक संगठन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, उत्पादक के साथ कुशल व्यवसायी बनने, किसानों को एफ॰पी॰ओ॰ के महत्त्व को बतलाने, अपने उत्पादों का प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने का सुझाव दिया। इस अवसर पर अतिथियों ने कहा कि जिले के मुख्य एवं बहुतायत में होने वाले उत्पाद का मूल्य संवर्धित उत्पाद तैयार करने, वैसे एफ॰पी॰ओ॰ जो किसी खास उत्पाद पर कार्य कर रहे हैं, उन्हें उनसे जुड़े अन्य उत्पाद जैसे लीची एवं सरसों उत्पादक यदि मधुमक्खी पालन को अपनायें तो गुणवत्तापूर्ण तथा आसानी से शहद उत्पाद प्राप्त कर सकते है।
उन्होंने एफपीओ को अन्य उत्पाद के साथ बकरी पालन अपनाने पर बल दिया, उन्होंने बताया कि बकारी पालन आर्थिक लाभ के लिए अच्छा उत्पाद है। इस अवसर पर जिले से आये कृषक उत्पादक संगठन के पदाधिकारियों ने एफ॰पी॰ओ॰ के संचालन एवं उसमें आने वाली समस्याओं यथा किसानों के बीच एफ॰पी॰ओ॰ के महत्व जानकारी अभाव, वैल्यू चैन की कमी प्रशिक्षण की आवश्यकता, विपणन की समस्या, लेखा कार्य जानकारी अभाव, बैंक से लोन संबंधी परेशानी, लाईसेंस प्राप्ति में परेशानी जैसे विषय को विशेषज्ञों एवं वैज्ञानिकों के समक्ष रखा, जिसपर जिला कृषि पदाधिकारी, भागलपुर, डी॰डी॰एम नाबार्ड एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा उचित कारवाई का आश्वासन दिया गया।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर / चंदा कुमारी