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एसएनसीयू में एक दिन की नन्ही परी को मिला जीवनदान

एसएनसीयू में एक दिन की नन्ही परी को मिला जीवनदान

किशनगंज,23 सितम्बर (Udaipur Kiran) । शहरी क्षेत्र के खगड़ा मछ्मारा वार्ड संख्या 33 की एक दिन की नन्ही परी को एसएनसीयू के जरिए नया जीवन मिला है। यह मासूम जब जन्म ली तो उसका वजन महज एक किलो ही था और निजी क्लिनिक के डाक्टरों ने परिवार को कह दिया था कि बच्ची का बचना मुमकिन नहीं है, क्योंकि इसका ऑक्सीजन लेवल और वजन काफी कम था। ना

जुक हालत में बच्ची को 31 अगस्त को सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में एडमिट कराया गया। एसएनसीयू के डाक्टरों ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार प्रयास किया। 19 सितम्बर को बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर लौट गई। सोमवार को सदर अस्पताल परिसर में एसएनसीयू की नोडल डॉ. नवीन कुमार ने बताया कि बच्ची जन्म से ही प्रीमेच्युर से ग्रसित थी। लेकिन हमने उम्मीद नहीं छोड़ी। बेहतर इलाज और पूरे स्टाफ ने भरसक प्रयास किए। जिसके कारण बच्ची की जान बचाई जा सकी। अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।

सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि अत्याधुनिक सुविधाओं वाला एसएनसीयू बच्चों के इलाज के साथ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में मील का पत्थर साबित हो रहा है। इस यूनिट में प्रतिमाह लगभग 50 नवजात बच्चों का इलाज हो रहा तथा उन्हें असमय काल के गाल में समाने से बचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एसएनसीयू वार्ड में 0 से 28 दिन तक के बच्चों को भर्ती किया जाता है। एसएनसीयू में 24 घंटे चिकित्सक के साथ स्टाफ नर्स तैनात रहती हैं, जो शिशु के एडमिट होने के साथ ही उनकी सेवा में तत्परता से जुट जाती।

उन्होंने बताया कि एसएनसीयू में कुल 12 बेड लगाये गए हैं। एसएनसीयू में विशेषज्ञ चिकित्सक सहित कुल 03 चिकित्सक, स्टाफ नर्स नियुक्त हैं। एसएनसीयू में रेडियो वॉर्मर, ऑक्सीजन की सुविधा के साथ साथ जॉन्डिस से पीड़ित बच्चों के लिए फोटो थैरेपी की सुविधा भी उपलब्ध है।

(Udaipur Kiran) / धर्मेन्द्र सिंह

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