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बिश्वनाथ (असम), 12 जनवरी (Udaipur Kiran) । हर्षोल्लास और उमंग से भरपूर असम का प्रसिद्ध त्योहार भोगाली बिहू बस दस्तक देने वाला है। इस अवसर पर सतिया के सतियाल गांव के लोगों ने मिलकर एक अनोखी रचना प्रस्तुत की है। गांववालों ने भोगजरा क्षेत्र में 100 फीट लंबी नाव के आकार का एक भव्य मेज़ी घर तैयार किया है, जो अब सबके आकर्षण का केंद्र बन गया है।
गांव के बुजुर्ग, महिलाएं, युवा और बच्चे, सभी ने मिलकर इस अद्वितीय मेज़ी घर को बनाने में अपना योगदान दिया। यह मेज़ी घर भोगाली बिहू की रात, जिसे उरुका कहा जाता है, पर सामूहिक भोज के लिए पूरी तरह तैयार है।
केवल मेज़ी घर ही नहीं, बल्कि ग्रामीणों ने असमिया संस्कृति को भी जीवंत करने की कोशिश की है। नारे (पुआल) से बनी विभिन्न कलाकृतियां और दृश्य असम की समृद्ध परंपरा की झलक पेश करते हैं। इसमें नदी में जाल से मछली पकड़ने का दृश्य, पलों (बांस के जाल) से मछली पकड़ने की प्रक्रिया और बोटोकला पक्षी (किंगफिशर) द्वारा मछली पकड़ने का दृश्य बड़ी ही खूबसूरती से दर्शाया गया है।
करीब पंद्रह दिनों की कड़ी मेहनत के बाद गांववालों ने इस अनोखे नाव के आकार वाले मेज़ी घर का निर्माण पूरा कर लिया। यह मेज़ी घर न केवल बिहू उत्सव को विशेष बनाने वाला है, बल्कि स्थानीय लोगों और आगंतुकों के लिए भी आकर्षण का मुख्य केंद्र बन चुका है।
सतियाल गांव का यह प्रयास भोगाली बिहू के उत्साह को एक नया आयाम देने वाला है और असमिया संस्कृति की समृद्ध परंपरा का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करता है।
(Udaipur Kiran) / देबजानी पतिकर
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