जबलपुर, 9 जनवरी (Udaipur Kiran) । प्रदेश में सबसे लंबा फ्लाईओवर ब्रिज को लेकर उठे विवादों के बाद आज लोक निर्माण विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया। आज गुरुवार को विभाग के अधिकारियों ने फ्लाईओवर का निरीक्षण किया। पीडब्ल्यूडी विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने कहा कि ब्रिज में कोई संरचनात्मक या डिज़ाइन की समस्या नहीं है और रोटरी में आई दरारें असल में जोड़ है। इसे लेकर तकनीकी टीम जाँच कर रही है। मंडलोई ने कहा कि ये मध्य प्रदेश का बहुत बड़ा और अनोखा प्रोजेक्ट है।
पीडब्ल्यूडी को इसमें बहुत सीखने को भी मिला है और इसके निर्माण में बहुत सारी नई तकनीकों का भी इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि ये ब्रिज अपनी पूर्णता की ओर है और जल्द ही इसका लोकार्पण होगा। मंडलोई ने कहा कि काम बहुत तेज गति से चल रहा है इसका पार्ट 2 सेंक्शन हुआ है,दमोह नाका और आधारताल वाला भाग वो भी जल्द पूरा होगा। जहां तक इस रोटरी के फोटोग्राफ्स की बात है,वो एक तकनीकी मामला है। लेकिन ब्रिज की सुरक्षा,ब्रिज की मजबूती,ब्रिज की डिजाइन के संबंध में कोई प्रश्नचिन्ह नहीं है।
दरअसल दमोहनाका से मदन महल तक बन रहे फ्लाई ओवर निर्माण के दौरान रोटरी में आई दरार की तस्वीरें वायरल होने के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग अलर्ट हो गया। लोक निर्माण मंत्री राकेश ङ्क्षसह ने मामले को संज्ञान में लिया और आज दरार का निरीक्षण करने अधिकारियों की टीम फ्लाई ओवर भेजी। जहां सुबह पहुँची टीम ने काफी देर तक दरारों का निरीक्षण किया और अंत में इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि रोटरी में जो दरार दिख रही है वह दरार नहीं बल्कि जोड़ है।
हाल ही में फ्लाईओवर के निर्माण में अनियमितता की शिकायतें सामने आई थी और कुछ तस्वीरें भी वायरल हुई थी जिसमें बताया जा रहा था कि निर्माण के दौरान ही उसमें दरारें आ रही हैं। इसे लेकर विपक्ष ने भी सरकार पर आरोप लगाए थे। इसके बाद मामले की जाँच के लिए विभाग के मंत्री द्वारा एक कमेटी बनाई गई थी, जो पंद्रह दिन में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक