रामगढ़, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । रामगढ़ के जीपी संजीव कुमार अंबष्टा ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि समिति द्वारा निबंधित वैसे अधिवक्ता जो 65 वर्ष से अधिक उम्र के बाद लाइसेंस सरेंडर कर देते हैं, उन्हें पेंशन स्कीम से जोड़ा गया है।
जीपी ने कहा कि अधिवक्ता कल्याण निधि समिति द्वारा वैसे अधिवक्ताओं को 7000 रुपये प्रति माह का पेंशन दिया जाता था। राज्य सरकार ने इसी पेंशन के समतुल्य राशि वर्ष 2024-25 में एक करोड़ 60 लाख रुपये की अनुदान राशि स्वीकृत की है। अब पेंशनधारी अधिवक्ताओं को 14000 रुपये प्रति माह का पेंशन मिलेगा। इसके अतिरिक्त झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि समिति के अंतर्गत निबंधित नए अधिवक्ताओं को प्रथम 3 वर्ष की अवधि तक स्टाइपेंड के रूप में 1000 की जगह 5000 प्रतिमाह दिए जाएंगे। इस राशि की 50 फ़ीसदी की समतुल्य राशि राज्य सरकार के द्वारा दिए जाने की स्वीकृति वर्तमान वित्तीय वर्ष में स्वीकृत की गई है। कुल 01 करोड़ 50 लाख रुपये का अनुदान अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति को भेजा जाएगा।
तीसरा फैसला स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़ा हुआ है। उच्च न्यायालय के स्तर पर गठित झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि समिति के अंतर्गत निबंधित अधिवक्ताओं को इस योजना के तहत 500000 की स्वास्थ्य चिकित्सा प्रदान की जाएगी। इस मद में 9 करोड रुपये की अनुदान राशि स्वीकृत की गई है। जीपी संजीव कुमार अंबष्टा ने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां हेमंत सोरेन की सरकार ने अधिवक्ताओं के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसके लिए उन्होंने सरकार को धन्यवाद दिया है।
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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश