शिमला, 30 मार्च (Udaipur Kiran) । पहले नवरात्र के अवसर पर हिमाचल देवभूमि संघर्ष समिति ने संजौली में हवन का आयोजन कर प्रदेश सरकार और प्रशासन की सद्बुद्धि की प्रार्थना की। यह हवन संजौली मस्जिद के कथित अवैध निर्माण के खिलाफ हुए आंदोलन में कार्रवाई झेल चुके आंदोलनकारियों के समर्थन में किया गया। समिति के सदस्यों ने प्रदेश सरकार पर सनातनियों के दमन का आरोप लगाया।
हवन के उपरांत समिति के कार्यकर्ताओं ने संजौली में हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए यात्रा निकाली और जगह-जगह गंगाजल का छिड़काव किया।
‘सनातनियों पर हो रहा अन्याय’
समिति के सहसंयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि जब संजौली में अवैध मस्जिद के खिलाफ आंदोलन हुआ, तब पुलिस प्रशासन ने निहत्थे आंदोलनकारियों पर लाठियां बरसाईं। अब उन्हीं लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाकर प्रताड़ित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले प्रदेश में मंदिरों को तोड़ा गया, लेकिन कथित अवैध मस्जिद को अब तक नहीं हटाया गया। ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर सनातनियों के खिलाफ भेदभाव करने का आरोप लगाया।
‘सनातन विरोधी नीतियों के खिलाफ हवन’
संघर्ष समिति के सहसंयोजक विजय शर्मा ने कहा कि 11 दिसंबर को हुए आंदोलन के बाद प्रशासन ने 61 लोगों के खिलाफ आठ प्राथमिकी दर्ज की। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के संरक्षण में स्कूलों में छोटे बच्चों को इस्लामी परिधान पहनाकर बुलाया जा रहा है। शर्मा ने कहा इसीलिए हमने प्रदेश सरकार की सनातन विरोधी नीतियों के खिलाफ हवन आयोजित किया है, ताकि प्रशासन को सद्बुद्धि आए।
संघर्ष समिति की सदस्य श्वेता चौहान ने कहा कि जब संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ आवाज उठी, तो सनातनी माताएं और बहनें मां चंडी का रूप धारण कर सड़कों पर उतरी थीं। उन्होंने कहा कि यदि सनातन धर्म के साथ छेड़छाड़ होगी, तो महिलाएं इसी तरह सड़कों पर उतरेंगी।
समिति के सदस्यों ने कहा कि वे अपने संघर्ष को जारी रखेंगे और सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए आवाज उठाते रहेंगे।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
