नवादा 21 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । नवादा जिला के नारदीगंज के सभागार में बिहार केसरी एवं बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह की 137वीं जयंती समारोह सोमवार को मनाई गई।
इस समारोह की अध्यक्षता शिक्षाविद एवं मॉडर्न शैक्षणिक समूह के अध्यक्ष डॉ अनुज सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में नारदीगंज प्रखंड के विभिन्न पंचायतों से लगभग 500 लोगों ने शिरकत की। कार्यक्रम का संचालन का कार्य प्रसिद्ध समाज सेवी अनील कुमार के ने किया । सर्वप्रथम श्रीबाबू के तैलीय चित्र पर डॉ अनुज सिंह के द्वारा माल्यार्पण कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई। इस अवसर पर उन्होंने ने कहा कि नवादा जिले के गौरव की बात है कि श्रीबाबू का जन्म इसी जिले में उनके ननिहाल खनवां में हुआ है। बिहार के निर्माण और राजनीतिक निर्णय लेने में बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्री कृष्ण सिंह की बड़ी भूमिका रही है।
उन्होंने जमींदारी प्रथा का उन्मूलन और लैंड सीलिंग जैसे बड़े और साहसिक कार्य किए थे। उन्होंने बड़े-बड़े कल कारखाने के द्वारा बिहार का आधुनिक निर्माण किया था। अबतक उनको भारत रत्न नहीं दिया जाना चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि श्रीबाबू को बहुत पहले भारत रत्न मिल जाना चाहिए था। इस अवसर पर अनिल कुमार ने कहा कि श्री बाबू किसानों एवं गरीबों के मुखर नेता थे। उनके कार्यकाल में बिहार को एक नई दिशा मिली थी। बिहार को आगे ले जाने एवं कल कारखाने लगाने में उनकी बड़ी भूमिका रही है।वे एक ऐसे नेता थे जो सबको साथ लेकर चलते थे। इस कार्यक्रम में नारदीगंज प्रखंड के सभी वक्ताओं ने भी अपना विचार रखा ।
इसमें नारदीगंज उच्च विद्यालय के पूर्व प्राचार्य श्रीकांत सिंह,बिक्कू के सेवानिवृत शिक्षक सुरेश प्रसाद सिंह, कोशला पंचायत के पूर्व मुखिया रविंद्र सिंह, ननौरा पंचायत के मुखिया प्रदीप सिंह एवं सरपंच मोहम्मद बारीक, हंडिया के अधिवक्ता अरविंद कुमार, कहुआरा के प्रो डॉ राजकुमार सिंह तमाम वक्ताओं ने महान राजनेता श्रीकृष्ण सिंह को याद किया। बिहार के पहले सीएम को पूरे राज्य में बेहद सम्मान मिलता है। इसकी वजह यह है कि वे एक राजनेता के तौर पर लोकतांत्रिक मूल्यों को बखूबी पालन किया।
चंद्रिका सिंह ने बताया कि आज की राजनीति में राजनेताओं का भ्रष्ट होना सबसे बड़ी बुराई बन गई है। ऐसे में श्रीकृष्ण सिंह को याद किए जाने की जरूरत है। इस अवसर पर डॉ अनुज ने कहा कि श्रीकृष्ण सिंह के महज 10 साल के कार्यकाल में बिहार में जो उद्योग, कृषि, शिक्षा, सिंचाई, स्वास्थ्य, कला व सामाजिक क्षेत्र में कई कार्य हुये हैं , आज देखने को नहीं मिल रहा है।आधुनिक बिहार के निर्माता डॉ श्री बाबू हैं ,हमें उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। आज की बैठक में राजनीतिक चर्चाएं भी हुई इस पर सभी एक मत दिखे। कार्यक्रम समाप्ति के बाद डॉक्टर अनुज 60 गाड़ियों के काफिले के साथ पटना के सदाकत आश्रम में आयोजित होने वाले श्री बाबू जयंती समारोह के लिए प्रस्थान कर गए।
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(Udaipur Kiran) / संजय कुमार सुमन