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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में नवाब अकबर बुगती की बरसी पर विद्रोहियों का कहर, सुबह से रात तक हमले, 50 से ज्यादा को मौत के घाट उतारा

बलूचिस्तान में 26 अगस्त की रात हथियारबंद आतंकवादियों ने मस्तुंग के लेवी खडकोचा पुलिस स्टेशन पर हमला किया। फोटो-इंटरनेट मीडिया

इस्लामाबाद, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान के सर्वाधिक साधन संपन्न और अशांत बलूचिस्तान प्रांत में नवाब अकबर बुगती की 18वीं बरसी पर हथियारबंद बलूच विद्रोहियों ने सोमवार सुबह से रात तक तक यात्री बसों, हाइवे, रेलवे ब्रिज से लेकर पुलिस थानों को निशाना बनाते हुए जमकर खूनखराबा किया। इन हमलों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। स्थानीय नागरिकों का दावा है कि दहशतगर्दों ने 70 से ज्यादा लोगों को गोलियों से भून दिया। अधिकारियों ने नागरिकों के दावों की पुष्टि करने से इनकार कर दिया।

पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट में बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने कहा है कि आतंकवादियों ने 38 निर्दोष लोगों की जान ले ली। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने प्रेस विज्ञप्ति में पुष्टि की है कि चार कानून प्रवर्तन अधिकारियों सहित 14 सुरक्षाकर्मी इन हमलों में मारे गए। हालांकि 21 आतंकवादियों को मार गिराने में भी सफलता मिली है।

नवाब अकबर बुगती को बुगती जनजाति का सबसे सम्मानित और सर्वोच्च नेता माना जाता है। पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने 2006 में उनकी हत्या कर दी थी। इस अभियान का आदेश पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने दिया था। संसाधन संपन्न बलूचिस्तान प्रांत पर नियंत्रण के लिए कई दशकों से चल रहे विद्रोह के तहत यह पिछले कई वर्षों में किया गया सबसे बड़ा हमला है। नवाब अकबर बुगती की 18वीं बरसी पर बलूच विद्रोहियों ने इन हमलों को अंजाम दिया है।

इन विद्रोहियों ने सबसे पहले सुबह मूसाखेल जिले में हाइवे पर बस यात्रियों को उतारकर उनके पहचान पत्र देखे। इसके बाद उनमें से 23 लोगों को गोलियों से भून डाला। इनमें अधिकांश पंजाब प्रांत के थे। वहीं, राजधानी क्वेटा को प्रांत के अन्य हिस्से से जोड़ने वाले रेलवे ब्रिज पर हमला कर छह लोगों की जान ले ली। हमलों की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है। उसने दावा किया है कि अभी ऐसे और हमले होंगे। मूसाखेल जिले के सीनियर एसएसपी अयूब खोसो ने बताया कि बस यात्रियों पर हमले से पहले बंदूकधारियों ने जिले के राराशिम क्षेत्र में हाइवे को बाधित कर दिया था। हमले के दौरान हाइवे पर 12 ट्रकों में भी आग लगा दी।

प्रांतीय राजधानी क्वेटा को शेष पाकिस्तान से जोड़ने वाले रेल पुल पर हुए विस्फोटों के बाद क्वेटा के लिए रेल यातायात स्थगित कर दिया गया है। बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तान को ईरान से जोड़ने वाली रेलवे लाइन को भी निशाना बनाया है। दरअसल, बलूच विद्रोही प्रांत के संसाधनों पर यहां के लोगों का अधिकार जताते हुए दशकों से संघीय सरकार का विरोध कर रहे हैं। वे दक्षिणी बलूचिस्तान में चीन द्वारा रणनीतिक रूप से विकसित किए जा रहे ग्वादर बंदरगाह, सोने व तांबे की खानों के विकास का भी विरोध करते आ रहे हैं।

(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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