
नई दिल्ली, 21 मई (Udaipur Kiran) । ‘प्रकृति के सुकुमार कवि’ महाकवि सुमित्रानंदन पंत की 125वीं जयंती के अवसर पर उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान द्वारा दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में जयंती समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार डॉ. हरीश चंद्र लखेड़ा को ‘उत्तराखंड साहित्य रत्न सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि उत्तराखंड सरकार की मीडिया सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ. गोविंद सिंह और उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान की संस्थापक निदेशक संयोगिता ध्यानी ने संयुक्त रूप से डॉ. लखेड़ा को यह सम्मान प्रदान किया। यह कार्यक्रम मंगलवार 20 मई को आयोजित हुआ।
उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान की स्थापना वर्ष 2015 में हुई। तब से यह संस्था सामाजिक सरोकारों और उत्तराखंड की महान विभूतियों की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित कर रही है। संस्था हर वर्ष 15 फरवरी को कुमाऊं केसरी बद्रीदत्त पांडे की, 20 मई को राष्ट्रकवि सुमित्रानंदन पंत की, 8 अगस्त को वीरांगना तीलु रौतेली की और 25 दिसंबर को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की जयंती मनाती है।
सुमित्रानंदन पंत की जयंती पर प्रतिवर्ष उत्तराखंड के प्रतिष्ठित साहित्यकारों को ‘उत्तराखंड साहित्य रत्न सम्मान’ दिया जाता है। अब तक 9 साहित्यकारों को यह सम्मान मिल चुका है। डॉ. हरीश चंद्र लखेड़ा इस श्रंखला में सम्मानित होने वाले दसवें साहित्यकार-पत्रकार बने।
डॉ. लखेड़ा मूलतः पत्रकार हैं। उनकी छह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें दो कविता संग्रह, एक उत्तराखंड राज्य आंदोलन का इतिहास, एक लखेड़ा वंश का इतिहास, एक पुस्तक पत्रकारिता का स्थानीयकरण पर और एक संसदीय पत्रकारिता पर आधारित है। उनकी अंतिम पुस्तक ‘संसदीय पत्रकारिता – भारतीय लोकतंत्र की यात्रा के साक्षी 144 स्तंभ’ संसद की रिपोर्टिंग करने वाले किसी भी पत्रकार की लिखी पहली पुस्तक मानी जाती है।
कार्यक्रम में डॉ. गोविंद सिंह के अतिरिक्त हिंदी अकादमी और गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी अकादमी के पूर्व सचिव व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. हरि सुमन बिष्ट, वरिष्ठ पत्रकार व्योमेश जुगराण, आरपी ध्यानी सहित समाज के विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं।
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी
