जयपुर, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । जयपुर। सफाई कर्मचारी की भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर बुधवार से प्रदेशभर के सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है।
संयुक्त वाल्मिकी एवं सफाई श्रमिक संघ के पधाधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार ने हमारी मांग को जल्द पूरा नहीं किया। तो प्रदेशभर में वाल्मीकि समाज सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। वहीं शहर की सफाई व्यवस्था की कमान दूसरे धड़े ने संभाल ली है। इससे पहले दिन सफाई व्यवस्था सहीं रही और शहर से कचरा उठा।
संयुक्त वाल्मिकी एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नन्दकिशोर डंडोरिया ने बताया कि प्रदेश में सरकार ने जो 24 हजार 797 पदों पर सफाई कर्मचारी की भर्ती की है। उस भर्ती के नियमों में कुछ संशोधन का प्रस्ताव संघ ने सरकार को दिया था। इन मांगों पर सरकार और संघ के बीच 15 मार्च को समझौता भी हुआ। समझौते में नगरीय निकायों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों (अस्थायी) को वरियता देने एवं जिन अभ्यर्थियों के साल 2012 और 2018 की भर्ती के प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन हैं। उन पर नीतिगत निर्णय करके नियुक्ति देने पर सहमति बनी थी। लेकिन सरकार ने सहमति पत्र को दरकिनार कर भर्ती करने की तैयारी शुरू की है। जिसे हम किसी भी सूरत में बर्दाश नहीं करेंगे। जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज में वर्तमान में 8 हजार से ज्यादा सफाई कर्मचारी कार्यरत है। ये कर्मचारी हड़ताल पर है। इन मांगों को लेकर अड़ा संघ सफाई कर्मचारियों की भर्ती मस्टरोल के आधार पर की जाए। जिसमें 1 साल तक पहले कर्मचारी से काम करवाया जाए, उसके बाद नियुक्ति दी जाए। वाल्मिकी समाज के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाए। पूर्व की जिन भर्तियों में कोर्ट में मामला विचाराधीन है या जिन पर निर्णय हो चुका है उनमें नियुक्ति के आदेश जारी किए जाए।
(Udaipur Kiran) / राजेश