कानपुर, 23 दिसंबर (Udaipur Kiran) । किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से खेती करना चाहिए। साथ ही क्रय विक्रय के समय उन्हें अपनी मेहनत और लागत से अधिक लाभ मिल सके इसको लेकर सीएसए के वैज्ञानिक चिंतित रहते हैं। सोमवार को किसान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने किसानों को वैज्ञानिक युक्त खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके साथ आय बढ़ाने के लिए अहम जानकारियां दी गईं। किसानों को यह भी आश्वस्त किया गया कि किसी भी प्रकार की खेती से जुड़ी समस्या का निदान सीएसए करेगा।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के लाल बहादुर कृषक सभागार में कृषि विज्ञान कानपुर देहात एवं विपणन तथा निरीक्षण निदेशालय कानपुर के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय किसान दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार मौजूद रहे। कार्यक्रम के जरिये कृषकों से कहा गया कि विश्वविद्यालय परिवार आपकी सेवा के लिए सदैव तत्पर है। वैज्ञानिक पद्धति से खेती करें, जिसमें किसानों को कृषि उत्पादन का सही मूल्य मिले जिससे उन्हें अधिक मुनाफा हो। राष्ट्रीय किसान दिवस 2024 की थीम स्थायी कृषि के लिए किसानों को सशक्त बनाना रखा गया है। हरित क्रांति में विश्वविद्यालय का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। कृषि विज्ञान केंद्र कृषकों के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। जिनके परिणाम भी सार्थक देखने को मिल रहे हैं।
कुलपति ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने हमेशा किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया। 1978 में उन्होंने किसान ट्रस्ट की स्थापना की जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समाज को न्याय के महत्व के बारे में जागरूक करना था। अंत में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा केंद्र पर किसानों को नई तकनीकों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है। कार्यक्रम में विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय कानपुर, वाराणसी एवं लखनऊ सेंटर के विभिन्न अधिकारियों के साथ कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ मिथिलेश वर्मा, डॉ राजेश राय, उपेंद्र कुमार सिंह व शोध सहायक शुभम यादव के साथ लगभग 137 कृषकों ने प्रतिभाग किया।
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(Udaipur Kiran) / Rohit Kashyap