श्रीनगर, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन करने वाले राजनीतिक दलों की विश्वसनीयता पर संदेह व्यक्त किया, खासकर कश्मीर क्षेत्र में।
एक साक्षात्कार में उमर अब्दुल्ला ने भाजपा के साथ अपने पिछले सहयोग पर भी विचार किया क्योंकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान स्थिति में दोनों दलों की घाटी के लिए जो चाहत है उसके लिए कोई मिलन स्थल नहीं है। उमर अब्दुल्ला ने पिछले चुनावों में निर्दलीयों की भागीदारी पर जोर दिया लेकिन राजनीतिक संगठनों के तेजी से बढ़ने की ओर इशारा किया।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि जम्मू-कश्मीर खासकर कश्मीर के लोग ऐसी किसी भी पार्टी को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं जिसका जन्म भाजपा के साथ संबंधों के साथ हुआ हो। उन्होंने कहा कि भाजपा की राजनीतिक विचारधारा और हमारी विचारधारा मिलती नहीं है। भाजपा जम्मू-कश्मीर के लिए जो चाहती है और मेरी जैसी पार्टियां जम्मू-कश्मीर के लिए जो चाहती हैं, उनके बीच कोई मेल नहीं है।
मौजूदा भाजपा सरकार के दृष्टिकोण की तुलना अतीत की सरकार से करते हुए वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार का जिक्र करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि वह अलग भाजपा थी, वह भाजपा थी जो इंसानियत, जम्मूयत, कश्मीरियत की बात करती थी। वह भाजपा थी जिसके प्रधानमंत्री एलओसी पर गए थे। उन्होंने कहा कि हम अपने दोस्त बदल सकते हैं लेकिन हम अपने पड़ोसी नहीं बदल सकते। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा हमारा पड़ोसी रहेगा और इसलिए हमें संबंधों को सामान्य बनाने की जरूरत है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ रही हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी जम्मू-कश्मीर चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को अपना समर्थन दिया है। केंद्र शासित प्रदेश में मतदान तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होना है। मतगणना 8 अक्टूबर को होगी।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता