बेल पत्र चढ़ेगा, कांवड़िए भी निकालेंगे कांवर यात्रा
मंदिर में अखंड जलाभिषेक शुरू
धमतरी, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । 22 जुलाई सोमवार से सावन माह की शुरूआत हो रही है। पूरे माह भर शिव मंदिरों में विशेष आराधना के साथ जलाभिषेक होगा। कांवड़िए महानदी रूद्रेश्वर धाम से कांवर में जल लेकर शिवालयों तक पहुंचेंगे। इसके बाद शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाएगा। इस बार सावन माह में पांच सोमवार पड़ेगे। पहला सोमवार सावन के पहले दिन ही है जिसे एक संयोग माना जा रहा है।
सावन माह में प्रत्येक सोमवार को शिवालयों में सुबह से शाम तक हर साल की तरह इस साल भी पूजा अर्चना होगी। सोमवार को रूद्री के रूद्रेश्वर धाम में पूरे महीने तक श्रद्धालु आएंगे। यहां से कांवड़िए जल लेकर शहर के शिव मंदिरों तक पहुंचेंगे। रास्ते में पड़ने वाले शिवालय विंध्यवासिनी मंदिर के शिव मंदिर से होकर सदर बाजार होते हुए पुराना बस स्टैंड से सीधे नागेश्वर मंदिर रिसाईपारा पहुंचेंगे। यहां शिव भक्तों के लिए हर साल की तरह दूध, केला का वितरण किया जाएगा। नागेश्वर मंदिर समिति की बैठक में इस साल भी पूरे माहभर शिव महापुराण की कथा कराने का निर्णय लिया गया। बुढेश्वर मंदिर समिति भी सावन माह को उल्लासमय वातावरण में संपन्न कराने के लिए पूरी तैयारी की गई है। पूरे कांवड़िए प्रमुख मार्गों से होकर बूढ़ेश्वर मंदिर में पहुंचते हैं। बनियापारा स्थित महाकालेश्वर मंदिर को हर साल की तरह इस साल भी सजाया गया है।
शिव चौक स्थित बटुकेश्वर मंदिर, मकई तालाब के पास स्थित मकेश्वर महादेव मंदिर, सिहावा चौक स्थित अर्द्धनारेश्वर महादेव मंदिर में विविध कार्यक्रम होंगे। शहर के प्राचीन मंदिरों में से एक बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। इस खास अवसर पर मंदिर में विविध कार्यक्रम होंगे। आज से शिवालयों में ओम नमः शिवाय का जयघोष गूंजेगा। शहर के बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर के अलावा रुद्री स्थित रुद्रेश्वर महादेव मंदिर, सोरिद के शंकर मंदिर, रिसाई पारा के नागेश्वर मंदिर, बनिया पारा वार्ड स्थित महाकालेश्वर मंदिर, शिव चौक स्थित बटुकेश्वर महादेव मंदिर सहित अन्य शिव मंदिर में सावन मास के अवसर पर भजन कीर्तन का कार्यक्रम होगा। यहां भक्त भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचेंगे। मंदिरों को तोरण पताका से सजाया गया। सावन मास में भोलेनाथ की विशेष आरती होगी। उसके पूर्व अलसुबह शिवभक्त रुद्रेश्वर महादेव घाट में पूजा-अर्चना के बाद महानदी का जल लेकर पहुंचेंगे। बूढ़ेश्वर मंदिर के शिवलिंग का जलाभिषेक करेंगे। सावन मास को लेकर मंदिर परिसर में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा। इसके अलावा भक्तों को प्रसादी का वितरण किया जाएगा। मंदिर के पुजारी चिंतामणि त्रिपाठी ने बताया कि सावन मास के पर्व पर व्रत रखने से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसलिए इस दिन व्रत अवश्य रखना चाहिए। बेलपत्र, धतूरे के फूल-फल और जल से अभिषेक करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा / गायत्री प्रसाद धीवर