Madhya Pradesh

सिंहस्थ-2028 की योजनाओं को लेकर प्रयागराज कुंभ का अध्ययन करके आए अधिकारियों ने कहा, वहां और यहां में विशेष अंतर

सिंहस्थ-2028 की योजनाओं को लेकर प्रयागराज कुंभ का अध्ययन करके आए अधिकारियों ने कहा, वहां और यहां में विशेष अंतर

उज्जैन, 18 जनवरी (Udaipur Kiran) । सिंहस्थ-2028 को लेकर बन रही योजनाओं के इतर प्रयागराज कुंभ में क्या और कैसे किया गया,इस बात का अध्ययन करने के लिए उज्जैन संभागायुक्त और रैंज के एडीजीपी के साथ एक दल प्रयागराज कुंभ का अध्ययन करने गया था। इस दल में भोपाल से भी एक दर्जन से अधिक वरिष्ठ आयएएस/आयपीएस शामिल थे। यह दल तीन दिन तक वहां रहा और भीड़ प्रबंधन,यातायात,आपदा प्रबंधन से लेकर छोटी-छोटी बातों का सूक्ष्मता से अध्ययन करके आया है। यही दल एक बार फिर प्रयागराज कुंभ के मध्य समय में व्यवस्थाएं देखने जाएगा। ज्ञात रहे कलेक्टर और एसपी शुक्रवार को अध्ययन करने प्रयागराज पहुंच गए हैं।

एक बार तैयारी होने के बाद संशोधन की बहुत संभावना नहीं है यहां

प्रयागराज के कुंभ ओर उज्जैन के सिंहस्थ में एक विशेष और महत्वपूर्ण अंतर यह है कि वहां नदी किनारे कुंभ लगता है और उज्जैन में रहवासी क्षेत्रों के बीच सिंहस्थ पर्व मनाया जाता है। यही विशेष अंतर उज्जैन में की जानेवाली सभी तैयारियों पर असर डालता है। वहां कुंभ की व्यवस्थाओं के लिए एकदम क्लिन एरिया मिलता है और यहां मकान/दुकान/गली/मौहल्ले/चौराहे सभी शामिल रहते हैं। इसीलिए हमारा दल कुंभ के मध्य में एक बार ओर जाएगा ताकि पुन: समीक्षा कर सके कि जो तैयारियां वहां की सरकार ने की थी,उन तैयारियों को लेकर बाद में स्थिति क्या रही?

वहां भीड़ खुले से आएगी यहां रहवासी बस्तियों के बीच से

प्रयागराज कुंभ में सड़क,खुली जगह और टेंट एरिया का निरीक्षण किया गया। वहां पर सड़क चौड़ीकरण की गुंजाइश अधिक थी। वहां एक साथ लाखों की भीड़ उमडऩे पर भी समस्या नहीं आएगी। यहां ऐसा नहीं है। यहां भीड़ शहर के भीतर से भी उमड़ेगी ओर बाहर से आएगी तो भी रहवासी बस्तियों के बीच से आएगी। ऐसे में हमें यहां यह देखना है कि बाहर से आनेवाले श्रद्धालु परेशान न हो साथ ही शहर में रहनेवाले लोगों को भी परेशानी का सामना न करना पड़े।

वहां घाट बड़े कर दिए,यहां नदी की लम्बाई ही सीमित है…

प्रयागराज कुंभ में पिछली बार 8 किमी लम्बे घाट कर दिए थे,इस बार भीड़ प्रबंधन को लेकर 12 किमी कर दिए गए हैं। यहां हम शिप्रा नदी की बात करें तो बहुत थोड़ी गुंजाइश हमारे पास है। इसकी लम्बाई तीर्थ एरिया में सीमित है। चौड़ाई भी कम है। हम घाटों को उतना ही विस्तार दे सकते हैं,जितना तीर्थ क्षेत्र होता है। भीड़ को इतने ही हिस्से में समेट सकते हैं। ज्ञात रहे त्रिवेणी से भैरवगढ़ तक शिप्रा के बहाव क्षेत्र में घाटों पर सिंहस्थ स्नान हो सकता है। इधर श्री जोगा ने कहाकि प्रयागराज में प्रवेश मार्गो को चौड़ा करके,नदी के घाट बनाकर वहीं स्नान करवाकर भीड़ को रवाना कर रहे हैं। वहां जिस मार्ग से भीड़ आएगी,उसी मार्ग पर घाटों पर स्नान करके वहीं से बाहर की बाहर लौट जाएगी।

मंदिर क्षेत्र का वहां विस्तार किया,यहां संभव नहीं

प्रयागराज कुंभ में जो मंदिर क्षेत्र थे,उनका विस्तार सरकार ने किया। ऐसे में श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त स्पेस मिल गया। यहां मंदिरों का जो,जितना विस्तार होना है,हो चुका है। अब नया विस्तार संभव नहीं है। ऐसे में भीड़ प्रबंधन की चुनौती हर समय रहेगी।

आपदा प्रबंधन के लिए वहां के उपाय अलग है हमसे

वहां नदी क्षेत्र बढ़ा होने,नदी गहरी होने,घाटों का विस्तार होने के चलते श्रद्धालु जहां भी स्नान करेंगे,वहां वॉच टॉवर लगाकर, नदी में बोट चलाकर निगरानी की जा रही है। कोई श्रद्धालु यदि डूब भी जाए तो उसे तत्काल निकालने के लिए ऑपरेशन हो सकता है। यहां नदी क्षेत्र की चौड़ाई भी कम है और दोनों ओर घाट है। यहां वॉच टॉवर लगाकर निगरानी तो की जाएगी लेकिन श्रद्धालु को नदी में एक सीमा तक ही आगे जाने देंगे,ताकि आपदा की स्थिति न बने और कभी हो जाए तो तुरंत वहीं निपट लिया जाए। इसके लिए यहां घाटों पर चौकसी अधिक की जाएगी।

सायबर टीम वहां अच्छा काम कर रही,यहां भी एडवांस रखेंगे

प्रयागराज कुंभ में सायबर टीम काफी अच्छा काम कर रही है। होटलों आदि में होनेवाली ऑनलाइन ठगी पर वहां की टीम ने अंकुश लगाया है। ताकि आनेवाले श्रद्धालु ठगी का शिकार न हो तथा प्रयागराज जाकर परेशान न हो। हम भी यहां पर एक बड़ा और विकसित कंट्रोल रूम तो रखेंगे ही,सायबर टीम को अलग से विंग बनाकर काम करेंगे।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी का अच्छा उपयोग हो रहा वहां

प्रयागराज कुंभ में वहां की पुलिस के द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी का अच्छा उपयोग किया है। वहां खोया-पाया से लेकर गुमशुदगी तक और पांच किलोमीटर दूर क्राउड उमडऩे पर पूर्व से सूचना देकर अलर्ट करने का काम किया जा रहा है। ताकि 5 किलोमीटर पहले भीड़ को रोका जा सके ओर अंदर की तरफ कोई अव्यवस्था न हो। जब यहां का क्राउड बाहर चला जाए तो वहां से छोड़ा जाए। हम भी बहुत सारे क्षेत्रों में एआई का उपयोग करेंगे।

यह थे दल में प्रमुख रूप से : संभागायुक्त संजय गुप्ता,एडीजीपी उमेश जोगा,डीआईजी नवनीत भसीन,डीआईजी पीएचक्यू तरूण नायक (इंटेलीजेंस अध्ययन के लिए),एएसपी सायबर सेल उज्जैन हितेश चौधरी, एसपी राहुल लोढ़ा(रेलवे द्वारा की गई व्यवस्थाओं के अध्ययन के लिए),प्रशासनिक अधिकारी उदय सीओ,संदीप सोनी आदि।

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

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