जयपुर, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अधिकारियों को बजटीय घोषणाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी समर्पण-निष्ठा के साथ राज्य सरकार की घोषणाओं एवं लक्ष्यों को तय समय में पूरा करें।
शर्मा बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में परिवर्तित बजट वर्ष 2024-25 की घोषणाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस का मॉडल स्थापित करके आमजन की सेवा करना राज्य सरकार का प्रमुख ध्येय है। बजटीय घोषणाओं के क्रियान्वयन में किसी भी स्तर पर कार्यवाही लंबित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घोषणाओं के क्रियान्वयन में आने वाली व्यावहारिक बाधाओं को चिन्हित कर उनका त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने सरिस्का, रणथम्भौर एवं चंबल घड़ियाल अभ्यारण्य, कोटा का ईको सेंसेटिव जोन के रूप में चिन्हिकरण कर मास्टर प्लान बनाने, मेडिकल कॉलेजेज में हिन्दी माध्यम से शिक्षा प्रदान करने, ऊर्जा उत्पादन के लिए निजी क्षेत्र को अधिक प्रोत्साहन देते हुए कैप्टिव पावर उत्पादन की सीमा को 200 प्रतिशत करने, स्टेट कैरिज वाहनों के लिए उप नगरीय श्रेणी के 40 नए मार्ग बनाने आदि बजट घोषणाओं की समीक्षा कर उचित दिशा-निर्देश प्रदान किए। उन्होंने नगरीय विकास विभाग को जयपुर मैट्रो का विस्तार के लिए ज्वॉइंट वेंचर कंपनी पर शीघ्र कार्य करने के निर्देश दिए।
शर्मा ने वित्त विभाग को स्मार्ट सिस्टम के अंतर्गत ऑटोमेटेड सर्विस डिलिवरी सुविधा शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम के माध्यम से आमजन को 25 सेवाएं 24 घण्टों की सीमा में उपलब्ध करवायी जाएगी। उन्होंने सफाई कर्मचारियों के लिए आरजीएचएस के अंतर्गत लंग्स, किडनी एवं स्किन आदि से संबंधित बीमारियों से संबंधित निःशुल्क विशेष पैकेज शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में औद्योगिक निवेश का अनुकूल माहौल बनाने के लिए कार्य कर रही है। ऊर्जा भण्डारण नीति-2024 एवं नई पर्यटन नीति के साथ-साथ बजट में भी अन्य कई महत्वपूर्ण नीतियों की घोषणा की गई है। नाै से ग्यारह दिसम्बर तक जयपुर में आयोजित होने जा रही ‘राइजिंग राजस्थान’ समिट के परिप्रेक्ष्य में इन नीतियों को शीघ्र ही अंतिम रूप प्रदान किया जाए।
मुख्यमंत्री ने जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग को प्रदेश में खुले बोरवेल रखने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खुले बोरवेल से जनहानि का खतरा रहता है। ऐसी कई घटनाएं प्रदेश के कई अंचलों में हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं की प्रभावी रोकथाम के लिए विभागीय दल नियमित निरीक्षण करें और खुले बोरवेल रखने वालों पर सख्त कार्रवाई करें। विभागीय शासन सचिव समित शर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि खुले बोरवेल पर निगरानी एवं कार्रवाई करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जा रहा है। बैठक में मुख्य सचिव सुधांशु पंत, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल एवं प्रमुख शासन सचिव आलोक गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / रोहित