
रांची, 03 मई (Udaipur Kiran) । भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री अधिवक्ता स्वास्थ्य योजना से प्रदेश के आधे अधिवक्ताओं को छोड़ देना दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रतुल ने कहा कि इस प्रदेश में लगभग 30000 से ज्यादा अधिवक्ता वर्तमान में प्रैक्टिस करते हैं। परंतु वर्तमान सरकार ने इस योजना में सिर्फ ट्रस्टी कमेटी के 15000 वकीलों को जोड़ने का निर्णय लिया है।शेष 15000 अधिवक्ता को इसका लाभ नहीं मिलेगा। प्रतुल ने मुख्यमंत्री से अविलंब पहल करते हुए बजट में प्रावधान को बढ़ाते हुए प्रदेश के सभी 30000 से ज्यादा अधिवक्ताओं को इसमें जोड़ना की मांग की है।
प्रतुल ने कहा कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल को इस पूरी योजना से बाहर रखना भी एक बड़ा प्रश्न खड़ा करता है।प्रतुल ने कहा कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल इस पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं की सबसे बड़ी संगठन है। स्टेट बार काउंसिल ने भी इस पर आपत्ति की है कि उसे इस योजना से बाहर रखा गया है जो कि गैरकानूनी है। प्रतुल ने कहा कि इस योजना का संचालन ट्रस्टी कमेटी को दिया गया है जिसके अध्यक्ष महाधिवक्ता होते हैं।
झारखंड स्टेट अधिवक्ता कल्याण एक्ट स्पष्ट रूप से कहता है कि ट्रस्टी कमेटी स्टेट बार काउंसिल निर्णय के आलोक में पैसा खर्च करेगी। लेकिन यहां ट्रस्टी कमेटी को संपूर्ण पावर दे दिया जाना गंभीर प्रश्न खड़ा करता है।
प्रतुल ने कहा कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने इस पूरे समारोह पर भी आपत्ति करते हुए इसे स्थगित करने की मांग की थी। परंतु सरकार ने नहीं सुनी।
प्रतुल ने कहा सरकार ने सभी नए वकीलों के लिए 5000 प्रति माह की प्रोत्साहन राशि की घोषणा की है। लेकिन यहां भी चतुराई कर दी।आधी राशि ट्रस्टी कमेटी को देना होगा। आधी राशि सरकार देगी। अगर ट्रस्टी कमेटी के पास पैसा नहीं होंगे उस स्थिति में राज्य सरकार क्या करेगी? राज्य सरकार को यहां भी पहल कर पूरे पैसे का भुगतान खुद करना चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
