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राष्ट्रीय खेल: कयाकिंग और कैनोइंग स्प्रिंट के फाइनल में ओडिशा, उत्तराखंड और सर्विसेज ने मारी बाजी

राष्ट्रीय खेल लोगो

टिहरी, 13 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । 38वें राष्ट्रीय खेलों के तहत टिहरी झील में कयाकिंग और कैनोइंग स्प्रिंट प्रतियोगिता के अंतिम दिन रोमांचक मुकाबले देखने को मिले। पुरुष और महिला वर्ग की 500 मीटर स्पर्धाओं में खिलाड़ियों ने अपनी ताकत, तालमेल और रणनीति का शानदार प्रदर्शन किया।

महिला K-4 500 मीटर: ओडिशा की टीम ने लहराया परचम

महिला K-4 500 मीटर स्पर्धा में ओडिशा की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। श्रुति चौगुले, ओइनम बिद्या देवी, ओइनम बिनिता चानू और ख्वैराकपम धनामंजुरी देवी की चौकड़ी ने 01:46.95 में रेस पूरी कर पहला स्थान हासिल किया।

मध्य प्रदेश की टीम, जिसमें निधि, डैली बिश्नोई, मनस्विनी स्वैन और एल. मीना देवी शामिल थीं, ने 01:48.65 में फिनिश लाइन पार कर रजत पदक जीता। केरल की अन्ना एलिजाबेथ, एलीना बिजू, एंड्रिया पॉलोस और ट्रीसा जैकब की टीम ने 01:49.19 के समय के साथ कांस्य पदक पर कब्जा किया।

महिला K-1 500 मीटर: उत्तराखंड की सोनिया देवी ने जीता गोल्ड

महिला K-1 500 मीटर स्पर्धा में उत्तराखंड की फेयरेंबन सोनिया देवी ने जल में अपनी रफ्तार का जलवा दिखाया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने 02:06.935 सेकंड में रेस पूरी कर दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

सर्विसेज की जी. पार्वती ने 02:07.800 के समय के साथ रजत पदक जीता, जबकि ओडिशा की ख्वैराकपम धनामंजुरी देवी ने 02:08.466 के समय के साथ कांस्य पदक पर कब्जा किया।

पुरुष K-4 500 मीटर: सर्विसेज ने दिखाया दमखम

पुरुषों की K-4 500 मीटर स्पर्धा में सर्विसेज की टीम ने बेहतरीन तालमेल और गति का प्रदर्शन किया और 01:28.320 के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता। सनी कुमार, वरिंदर सिंह, गोली रमेश और अजीत सिंह की टीम ने पहला स्थान हासिल किया।

मेजबान राज्य उत्तराखंड की टीम ने भी कड़ी टक्कर दी। आदित्य सैनी, विशाल ढांगी, हर्षवर्धन सिंह शेखावत और प्रभात कुमार की टीम ने 01:28.609 सेकंड के समय के साथ रजत पदक जीता। वहीं, मध्य प्रदेश की टीम (अक्षित बरोई, हिमांशु टंडन, सचिन और निंगोंबम मंजीत मीतेई) ने 01:30.355 सेकंड में फिनिश लाइन पार कर कांस्य पदक पर कब्जा किया।

टिहरी झील पर जल क्रीड़ा का रोमांच

टिहरी झील का वातावरण पूरे दिन जोश और रोमांच से भरा रहा। खेलों के आयोजन ने इस ऐतिहासिक स्थल को एक नई पहचान दी है। राज्य सरकार और आयोजन समिति ने प्रतियोगिता को सफलतापूर्वक संपन्न कराकर जल क्रीड़ा के विकास को बढ़ावा दिया है। खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि भारत में जल क्रीड़ा की क्षमता लगातार बढ़ रही है।

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(Udaipur Kiran) दुबे

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