प्रतिवर्ष बढ़ती है बजरंगबली की पाताली मूर्ति
सुबह शाम आरती के समय बदलता है मूर्ति का रंग
हमीरपुर, 19 नवम्बर (Udaipur Kiran) । प्रतिवर्ष की भांति इस साल भी सुमेरपुर क्षेत्र के इटरा आश्रम के मेले का आगाज मंगलवार को हुआ। लाखों की तादाद में पहुंचे लोगों ने दर्शन पूजन करके प्रसाद अर्पित किया।
आस्था है कि यह मूर्ति सुबह शाम रंग बदलने के साथ प्रतिवर्ष चावल के बराबर बढ़ रही है। इस पाताली मूर्ति के दर्शन के लिए वर्ष पर्यंत लोग यहां आते हैं। बताते हैं कि मूर्ति जुताई करते समय हल से टकराई थी। बहुत गहराई तक खुदाई के बाद जब मूर्ति का अंत नहीं मिला। तब इस मूर्ति की उसी स्थान पर पूजा अर्चना शुरू कर दी गई। अब यहां भव्य मंदिर बन चुका है।
इटरा के बजरंगबली आश्रम का मेला प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के बाद प्रथम मंगलवार से शुरू होकर तीसरे दिन विशाल भंडारे के साथ संपन्न होता है। आज मेले का आगाज होते ही तड़के से दर्शन पूजन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। शाम तक करीब एक लाख लोगों ने दर्शन पूजन किया था। आस्था है कि गर्भ ग्रह में विराजमान बजरंगबली की प्रतिमा का सुबह शाम रंग बदलता है। करीब सवा सौ वर्ष पूर्व बियाबान जंगल के मध्य में मिली यह मूर्ति जुताई के दौरान हल की कुसिया से टकराने के बाद मिली थी। तब इसको निकालने के लिए 30 फीट गहरी खुदाई हुई थी। अंत नहीं मिलने पर बाद में मूर्ति को उसी स्थान पर पूजा अर्चना शुरू कर दी गई। इस पाताली मूर्ति की ख्याति दूर-दूर तक है। यही कारण है कि मेले में बुंदेलखंड के अलावा रूहेलखंड के कई जिलों के लोग हिस्सा लेते हैं।
आश्रम के महंत स्वामी वेदानंद सरस्वती उर्फ बलराम दास महाराज ने बताया कि यह पाताली मूर्ति प्रतिवर्ष एक चावल के बराबर बढ़ रही है। पूर्व में यहां मुराद पूरी होने पर कस्बे के सेठ लालमन गुप्ता ने छोटा सा मंदिर बनवाया था। अब यहां पर विशाल मंदिर निर्माणाधीन है। राजस्थान से लाए गए लाल रंग के पत्थरों से मंदिर का निर्माण कराया गया है। इसका निर्माण पिछले एक दशक से चल रहा है। मंदिर के महंत ने बताया कि बुधवार को विशाल दंगल होगा। इस दंगल में दिल्ली हरियाणा पंजाब राजस्थान नेपाल बिहार मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश के नामीगिरामी पहलवानों के मध्य रोमांचक कुश्ती होगी। गुरुवार को विशाल भंडारे के साथ साधु संतों की विदाई के बाद मेले का समापन होगा।
हनुमान जी की महिमा परिणाम है इटरा का विशाल मेला
हनुमान आश्रम के महंत स्वामी वलराम जी का कहना है कि मेले में उमडा आस्था का जन सैलाब हनुमान जी की महिमा का परिणाम है। इस मंदिर में हनुमान लला की पाताली मूर्ति स्पष्ट फल देने वाली है जो भी सच्चे मन से यहाँ आता है उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। इसीलिये यह पावन स्थल तीर्थ सा बन गया है। प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को यहाँ मेला जैसा नजारा रहता है किन्तु कार्तिक पूर्णिमा के बाद लगने वाले दो दिवसीय मेले में न जाने कितनी संख्या में भक्त यहां दौड़े चले आते है यह सब उन्ही की महिमा का ही फल है। स्वामी जी ने बताया कि हनुमान मंदिर का भव्य निर्माण जारी है लोगों के आर्थिक सहयोग से मंदिर भव्य दिव्य होता जा रहा है। उनका कहना था कि दान देना सबसे बडे पुण्य का काम है। स्वामी जी ने यह भी बताया व कि यह मेला प्राचीन है सैकड़ों वर्ष से यहाँ मेला लगता आ रहा है। हनुमान जी कृपा से आगे भी यह इसी तरह चलता रहेगा।
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(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा