जयपुर, 10 नवंबर (Udaipur Kiran) । विद्याधर नगर थाना पुलिस द्वारा पकड़ा गया आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) अधिकारी बताकर लड़कियों को फंसाकर ठगी वाले बदमाश के मोबाइल की जांच में कई अश्लील चैट मिले है। पुलिस इन अश्लील चैट के आधार पर जानकारी जुटा रही है।आरोपी उज्जैन (मध्य प्रदेश) का रहने वाला है। जब आरोपी जयपुर में एक लड़की से मिलने अजमेर रोड स्थित एक होटल में पहुंचा तो पुलिस ने उसे दबोच लिया था। पुलिस ने उसका मोबाइल चेक किया तो पता चला कि उसने 25 से ज्यादा लड़कियों को फंसा रखा है। सर्वेश सभी लड़कियों को मैसेज के जरिए खुद को आईआरएस अफसर बताता था। इनमें ज्यादातार लड़कियां सरकारी कर्मचारी हैं। जांच में सामने आया कि आरोपी जयपुर की भी 3 लड़कियों को फंसा रखा है। ज्यादातर लड़कियों को अलग-अलग समय पर जरूरत बताकर लाखों रुपए हड़प चुका है। पुलिस आरोपी के मोबाइल व सोशल मीडिया अकाउंट्स की डिटेल खंगाल रही है।
पुलिस के अनुसार आरोपी के मोबाइल में उज्जैन की प्राइवेट यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री मिली है। आरोपी के सोशल मीडिया अकाउंट्स की चैट से सामने आया कि वह अब तक 25 से ज्यादा लड़कियों को फंसाकर चैट कर रहा है। इनमें से कई महिलाओं से आपत्तिजनक चैट और कई महिलाओं से लाखों रुपए लेने की जानकारी मिली है। पुलिस उन महिलाओं से संपर्क करने का प्रयास कर रही है, जिनसे आरोपी लगातार चैट कर रहा था।
गौरतलब है कि एसीबी की महिला सब इंस्पेक्टर कृतिका गोयल ने विद्याधर नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में कहा कि उनके भाई व सहेली को सर्वेश द्वारा मैसेज भेजने का स्क्रीन शॉट मिला। इसमें लिखा था कि उसने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जयपुर ऑफिस में जोनल डायरेक्टर के पद पर तबादला हुआ है। आरोपी खुद को वर्ष 2020 बैच का आईआरएस अफसर बता रहा था। हकीकत यह है कि यहां जोनल डायरेक्टर के पद पर आईआरएस घनश्याम सोनी तैनात हैं। एसआई ने विभागीय अफसरों को सूचना दी।
विभागीय जानकारी में सामने आया कि कोई व्यक्ति फर्जी आदेश भेज कर महिलाओं को फंसाने का प्रयास कर रहा है। उसके बाद उन्होंने विद्याधर नगर थाने में रिपोर्ट दी। सूचना के बाद एनसीबी टीम ने आरोपी की डिटेल खंगाली और विद्याधर नगर पुलिस के सहयोग से शनिवार को अजमेर रोड स्थित एक होटल से पकड़ लिया। एनसीबी ने जांच की तो पता चला कि इस नाम का आईआरएस अफसर नहीं है। आरोपी ने लड़की को एक लेटर भेजा, जिसमें जयपुर एनसीबी कार्यालय की सील लगी थी और साइन किए हुए थे। उसके बाद एनसीबी सब इंस्पेक्टर ने विद्याधर नगर थाने में रिपोर्ट दी।
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(Udaipur Kiran)