कोरबा, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । एनटीपीसी कोरबा ने 14 से 15 नवम्बर 2024 तक श्रम और औद्योगिक कानूनों पर एक समग्र प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को औद्योगिक क्षेत्र में कानूनी ढांचे के बारे में ज्ञान बढ़ाना था। इस कार्यशाला में जमशेदपुर स्थित एक्सएलआरआई के प्रसिद्ध प्राध्यापक, प्रोफेसर पी के पदही और प्रोफेसर तनमय पट्नायक ने मार्गदर्शन किया।
यह प्रशिक्षण कार्यशाला तीन चरणों में आयोजित की गई, जिसमें पहले दो सत्र एनटीपीसी कोरबा के कर्मचारियों के लिए थे, और तीसरा सत्र विशेष रूप से एसएमसी (साइट मैनेजमेंट कमिटी) सदस्यों के लिए आयोजित किया गया था। इस कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और श्रम कानूनों में हो रहे बदलावों और उनके कार्यस्थल पर प्रभावों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।प्रोफेसर पी के पाढ़ी और प्रोफेसर तनमय पट्नायक ने कर्मचारियों के अधिकार, कार्यस्थल सुरक्षा नियम, विवाद समाधान प्रक्रिया, और औद्योगिक कानूनों में ताजे बदलावों जैसे विषयों पर विशेषज्ञ सत्र आयोजित किए।
कार्यशाला का उद्घाटन एनटीपीसी कोरबा के परियोजना प्रमुख, राजीव खन्ना ने किया, जिन्होंने प्राध्यापकों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए प्रेरणादायक संबोधन दिया। श्री खन्ना ने कहा:श्रम और औद्योगिक कानूनों का ज्ञान हर संगठन के लिए आवश्यक है ताकि वे कानूनी अनुपालन सुनिश्चित कर सकें, कर्मचारियों की भलाई को बढ़ावा दे सकें और एक समान और पारस्परिक सम्मान का वातावरण बना सकें। एनटीपीसी कोरबा में हम अपनी टीम को इन कानूनी पहलुओं को प्रभावी ढंग से समझने और उनका पालन करने के लिए आवश्यक उपकरणों से लैस करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो अंततः हमारी उत्पादकता और कार्य संस्कृति को बढ़ाएगा।
यह कार्यशाला अत्यधिक संवादात्मक थी, जिसमें केस स्टडीज़, वास्तविक जीवन के उदाहरण और चर्चा की गई, ताकि कर्मचारियों को इन कानूनों को समझने में गहरी मदद मिल सके। प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से कार्यशाला में भाग लिया और कार्यस्थल पर अनुपालन और विवाद समाधान के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं की पहचान की।
यह पहल एनटीपीसी कोरबा की कर्मचारी विकास, कानूनी जागरूकता और परिचालन उत्कृष्टता के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह कंपनी की व्यापक कोशिशों का हिस्सा है ताकि एक ऐसा कार्यस्थल सुनिश्चित किया जा सके जो समानता, ईमानदारी और निष्पक्षता के सिद्धांतों का पालन करता हो।
(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी