Madhya Pradesh

एनएसयूआई ने सीएमएचओ से भोपाल के फर्जी अस्पतालों और क्लीनिकों की जांच हेतु समिति गठित करने की मांग की 

एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार

भाेपाल, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ( एनएसयूआई ) ने भोपाल जिले में फर्जी नर्सिंग होम ( अस्पताल ) और क्लीनिकों की बढ़ती संख्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने शुक्रवार काे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल को एक शिकायत कर एक विशेष जांच समिति गठित करने की मांग की है।

रवि परमार ने बताया कि भोपाल में कई निजी नर्सिंग होम और क्लीनिक बिना उचित पंजीकरण और प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मियों के संचालित हो रहे हैं। संगठन को लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि अयोग्य डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को मरीजों का इलाज करने की अनुमति दी जा रही है, जो चिकित्सा मानकों का खुला उल्लंघन है और भोपाल के नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।‌ रवि परमार ने बताया कि अस्पतालों के डाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की जानकारी और सूची पहले आनलाइन पोर्टल पर सार्वजनिक की जाती थी लेकिन अब उसको हटा दिया जिससे अस्पतालों गड़बड़ियां करने के लिए खूली छूट मिल चुकी हैं ।

परमार ने कहा कि मरीजों और उनके परिजनों की अस्पताल में गड़बड़ी , गलत उपचार और अवैध वसूली की शिकायत मिली और शिकायत सही पाई गई तो हमारी टीम अस्पतालों का निरीक्षण करेंगी। रवि परमार ने प्रशासन से इस पर शीघ्र संज्ञान लेने और एक जांच समिति गठित कर कठोर कार्रवाई करने की मांग की। परमार ने चेतावनी दी कि यदि जल्द उचित कदम नहीं उठाए गए , तो एनएसयूआई जनहित में बड़े आंदोलन करेगी।

एनएसयूआई की प्रमुख मांगें:

1. भोपाल के सभी निजी नर्सिंग होम और क्लीनिक की सत्यता की गहन जांच की जाए।

2. अवैध और अपंजीकृत रूप से संचालित चिकित्सा संस्थानों पर सख्त कार्रवाई हो।

3. बिना मान्यता प्राप्त डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ द्वारा दी जा रही सेवाओं को तुरंत बंद किया जाए।

4. मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नर्सिंग होम एक्ट के सभी मानकों का पालन किया जाए।

5. डाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की जानकारी पोर्टल पर सार्वजनिक की जाएं ।

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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे

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