-अमेरिका में वे मेक पटेल (मेक दादा) के नाम से जाने जाते हैं
आणंद, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । गुजरात के आणंद जिले की बोरसद तहसील के निसराया गांव के मूल निवासी और अमेरिका में बसे महेन्द्र पटेल ने अपने गांव में अत्यधुनिक स्कूल के लिए 100 करोड़ रुपये का दान देते हुए यह राशि फिक्स डिपॉजिट की है। यह जानकारी महेंद्र पटेल ने अपने गांव में प्रेस कांफ्रेंस में दी।
एनआरआई महेंद्र ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि गांव में उन्होंने अत्यधुनिक शैक्षणिक स्कूल समेत शिक्षा प्रकल्पों के लिए 100 करोड़ रुपये की एफडी की है। निसराया गांव में अभी कक्षा 8 तक ही पढ़ाई की व्यवस्था है। कक्षा 8 के बाद विद्यार्थियों को दूसरे गांव जाना पड़ता है। इसलिए मेक दादा ने गांव में अत्यधुनिक शिक्षा के लिए शैक्षणिक परिसर बनाने की घोषणा की है और 100 करोड़ रुपये की एफडी के ब्याज से इस शैक्षणिक परिसर में सभी तरह के रख-रखाव किए जाएंगे।
किसी व्यक्ति के तौर पर सामाजिक कामों के लिए इतनी बड़ी राशि देने वाले वे संभवत: राज्य के पहले व्यक्ति हैं। महेन्द्र पटेल वर्ष 1960 में परिवार के साथ अमेरिका में बस गए थे। यहां उन्होंने कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर सलाहकार के रूप में ख्याति अर्जित करते हुए बेशुमार धन अर्जित किया है। यहां वे मेक पटेल (मेक दादा) के नाम से विख्यात हुए। वर्षों बाद गांव आने पर मेक दादा का ग्रामीणों ने जबरदस्त स्वागत किया। उन्हें सुशोभित बग्घी में बिठाकर गांव में घूमाया गया।
आणंद जिले की बोरसद तहसील के निसराया गांव निवासी महेन्द्र पटेल स्नातक की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 1960 में परिवार के साथ अमेरिका जाकर बस गए थे। वे यहां पर मेक पटेल (मेक दादा) के नाम से जाने जाते हैं। अपनी मेहनत और योग्यता के बलबूते उन्होंने काफी पैसा कमाया। 65 साल बाद वे अपने मूल गांव लौटे हैं तो उनकी आयु 85 साल की है।
एनआरआई महेन्द्र पटेल ने बताया कि उनके पूर्वज लोगों की मदद करने में हमेशा आगे रहते थे, इसलिए उन्हें यह प्रेरणा उनके ही परिवारजनों से मिली है। अमेरिका में रहते हुए उन्हें अपने गांव में काम करने लिए ईमानदार और दूरदृष्टि वाले व्यक्ति की तलाश थी। संयोग से उन्हें ऐसा व्यक्ति मिल गया है। उन्हें स्कूल समेत अन्य सभी कामों के लिए पूरी योजना बनाने के साथ काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
1962 में आईबीएम कंपनी से जुड़े-
मेक पटेल ने गुजरात यूनिवर्सिर्टी में सिविल इंजीनियरिंग से स्नातक करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए वर्ष 1960 में अमेरिका के एल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था। यहां उन्होंने स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। परंतु इसी दौरान कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी मिली तो इसी क्षेत्र में आगे बढ़ने लगे। कम्प्यूटर के प्रति उनके लगाव के कारण वे 1962 में आईबीएम कंपनी के साथ जुड़ गए। इसके बाद उन्होंने 1973 के दौरान अमेरिका में पटेल कन्सल्टेंट कॉरपोरेशन की स्थापना की। यह एक सॉफ्टवेयर कंसल्टेंट कंपनी थी।
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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय