Uttrakhand

अब दून की सड़कों पर महिला मुसाफिरों को मंजिल तक पहुंचाएंगी महिला सारथी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या   आईआरडीटी सभागार में महिला सारथी (पायलट प्रोजेक्ट) के तहत महिला चालकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते।
महिलाओं को सम्मानित करते  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।
मंत्री रेखा आर्या सवारी करती।

– मुख्यमंत्री ने किया महिला सारथी योजना का शुभारंभ

– एक सप्ताह महिला सारथी देंगी फ्री राइड

– महिला सारथी संग शहर में रेखा आर्या ने ली राइड

देहरादून, 08 मार्च (Udaipur Kiran) । अब देहरादून की सड़कों पर महिला सारथी महिला मुसाफिरों को मंजिल तक पहुंचाने का काम करेंगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने शनिवार शाम आईआरडीटी सभागार में महिला सारथी (पायलट प्रोजेक्ट) के तहत महिला चालकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

संगोष्ठी में किया समस्याओं पर मंथन

इससे पहले सभागार में प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्वयं सहायता समूह से जुड़कर काम करने वाली महिलाओं की संगोष्ठी भी आयोजित की गई। इसमें प्रतिभागियों ने लघु महिला उद्यमियों के सामने आने वाली समस्याओं और उनके समाधान पर आपसी चर्चा की। महिलाओं ने छोटे स्तर पर बिजनेस शुरू करके उसका बड़ा विस्तार करने की सफलता की कहानियां भी शेयर की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। जिसमें रेशमा शाह, भारती, पार्षद अंजना रावत, बीना, रेखा पांडे, ममता, सरिता पंवार सहित अन्य कई महिलाएं शामिल रहीं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा, चिकित्सा,राजनीति,खेल,विज्ञान,सेना,कृषि उद्योग जैसे हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ कर देश का नेतृत्व कर रही हैं। उत्तराखंड राज्य की महिलाओं में विशेष प्रकार का आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता है,महिलाओं में कौशल और परिश्रम में कोई कमी नहीं है। राज्य की महिलाएं स्वयं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार और समाज को भी सशक्त बना रही हैं।

उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में सबसे बड़ा योगदान महिलाओं का होगा। राज्य सरकार, प्रदेश की मातृ शक्ति के सशक्तिकरण हेतु भविष्य में भी पूरी दृढ़ता के साथ कार्य करते रहेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के हितों को आगे रखते हुए देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू उत्तराखंड में किया है। जिसमें महिला सुरक्षा के विशेष प्रावधान किए गए हैं। यह आधी आबादी का पूरा कानून है। उन्होंने कहा लिव इन रिलेशनशिप हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में मातृशक्ति के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। बीते 11 वर्षों में 30 करोड़ से अधिक महिलाओं के जन-धन बैंक खाते खोले गए और 12 करोड़ से अधिक शौचालय बनाकर माताओं बहनों के मान-सम्मान की रक्षा सुनिश्चित किया गया है। लखपति दीदी योजना के माध्यम से 01 करोड़ से अधिक महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का कार्य किया जा रहा है। 30 करोड़ से अधिक महिलाओं को मुद्रा योजना के अंतर्गत लोन देकर सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सशक्त नारी सशक्त समाज की परिकल्पना को साकार करते हुए नंदा गौरा योजना के अंतर्गत बालिकाओं के जन्म लेने पर 11 हजार रूपये और 12वीं उत्तीर्ण करने पर 51 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से आज देश-विदेश तक पहुंचाया जा रहा है। हमारी बहनों की ओर से बनाए गए उत्पाद आज मल्टी नेशनल कंपनियों को भी टक्कर दे रहीं हैं।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि महिला सारथी योजना प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट की प्रगति 6 महीने देखने के बाद इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी है।

भविष्य में महिलाओं को दिया जाएगा लोन

महिला सारथी के पायलट प्रोजेक्ट के लिए वाहनों की व्यवस्था चेंबर ऑफ़ बिजनेस एंड एंटरप्रेन्योर काउंसिल के द्वारा की गई है। जिसमें आज से एक सप्ताह के लिए मुफ्त राइड रखी गयी है और जब इस योजना का विस्तार पूरे प्रदेश में किया जाएगा और उसके लिए अधिक वाहनों की आवश्यकता पड़ेगी तब प्रशिक्षित महिलाओं को आसान शर्तों पर लोन दिलवाकर वाहनों का इंतजाम किया जाएगा।

इस अवसर पर विधायक खजान दास,राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष डॉ.गीता खन्ना, सचिव चंद्रेश यादव,निदेशक प्रशांत आर्य और अन्य लोग मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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