आजमगढ़, 3 अगस्त (Udaipur Kiran) । पुलिस उप महानिरीक्षक आजमगढ़ परिक्षेत्र आजमगढ़ वैभव कृष्ण द्वारा परिक्षेत्र के तीनों जनपदों (आजमगढ़, मऊ, बलिया) जनपदों में थानों पर आने वाले व्यक्तियों की पुलिस सम्बन्धी शिकायतों व दर्ज मुकदमों के प्रभावी सुनवाई एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु एक नई पहल शुरू करने जा रही है जिसका नाम रखा है ‘वादी दिवस’ । ‘वादी दिवस’ में साधारण मारपीट, गम्भीर चोट, हत्या का प्रयास आदि, सम्पत्ति सम्बन्धी अपराध, एवं महिला सम्बन्धी अपराध के मामले का प्रभावी सुनवाई एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाएगा। सभी थानों पर महीने में एक दिन व जिला मुख्यालय पर भी महीने में एक दिन वादी दिवस का आयोजन किया जाएगा।
शनिवार को डीआईजी आजमगढ़ परिक्षेत्र के कार्यालय से जारी निर्देश के अनुसार वादी दिवस आजमगढ़ जनपद में प्रत्येक माह के पहले मंगलवार, मऊ में दूसरे मंगलवार, बलिया में तीसरे मंगलवार को सभी थानों पर आयोजित किया जाएगा। वादी दिवस में पुलिस अधीक्षक,अपर पुलिस अधीक्षक और सर्किल के सीओ और कम से कम दो थानों में आयोजित वादी दिवस में भाग लेंगे। जिसमे सीओ वादी दिवस में आये प्रकरणों की समीक्षा करेंगे एवं अधिक से अधिक संख्या में वादियों से मुलाकात कर सम्बन्धित वादी एवं थाना प्रभारी / विवेचक के साथ प्रकरण में हो रही कार्यवाही की समीक्षा करेंगे। जो विवेचना 3 माह से 6 माह तक की अवधि से लम्बित है, उनके वादियों से क्षेत्राधिकारी अवश्य वादी दिवस पर मिलकर मुकदमें के विवेचना की समीक्षा करेंगे।
वादी दिवस में मुकदमे के वादियों को सभी थाना प्रभारियों द्वारा वादी दिवस से 3 दिन पूर्व लिखित में वादी दिवस पर आने हेतु सूचित किया जायेगा। वादी दिवस
वादी दिवस का आयोजन दो पालियों में होगा। पहली पाली अपरान्ह 12.00 बजे से 02.00 बजे तक एवं दूसरी पाली अपराह 03.00 बजे से 04.00 तक आयोजित की जाएगी । वादी दिवस में सनसनीखेज अपराध, जो अनावरण हेतु शेष हैं। 06 माह तक लम्बित विवेचना के वादी।
पिछले एक माह में पंजीकृत शरीर सम्बन्धी अपराध (साधारण मारपीट, गम्भीर चोट, हत्या का प्रयास आदि) के वादी।
विगत एक माह में पंजीकृत सम्पत्ति सम्बन्धी अपराध (चेन स्नेचिंग, लूट, नकबजनी, चोरी, वाहन चोरी) के वादी।
विगत एक माह में पंजीकृत महिला सम्बन्धी अपराध (अपहरण, छेड़छाड़, पाक्सो एवं बलात्कार) के वादी को थाने पर नहीं बुलाया जायेगा, परन्तु मुकदमें की समीक्षा की जायेगी।विगत एक माह के आईजीआरएस सन्दर्भों में से चिन्हित ऐसे प्रकरणों के वादी जो कि थाना प्रभारी को महत्वपूर्ण लगते हैं उनके वादियों को बुलाया जाएगा।
वादी दिवस पर प्रत्येक थाना स्तर पर थाना प्रभारी उपरोक्त मुकदमों के वादियों एवं सम्बन्धित विवेचकों के साथ मुकदमों की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
वादी दिवस में एसपी
प्रकरणों की समीक्षा करेंगे एवं अधिक से अधिक सम्बन्धित वादियों से वार्ता कर उनके प्रकरणों में हो रही कार्यवाही की स्वयं समीक्षा करेंगे। विवेचकों को समुचित निर्देश देंगे एवं यदि किसी विवेचक / थाना प्रभारी की लापरवाही पायी जाती है तो नियमानुसार कार्यवाही भी करेंगे।
इसके अतिरिक्त प्रत्येक माह के चतुर्थ मंगलवार को जनपद स्तर पर भी वादी दिवस का आयोजन किया जायेगा, जिसमें जनपदीय पुलिस अधीक्षक द्वारा ऐसे मुकदमों के वादियों को पुलिस लाइन में बुलाकर सम्बन्धित विवेचकों के साथ समीक्षा की जायेगी, जो 01 वर्ष अथवा उससे ज्यादा की अवधि से लम्बित हैं। इस वादी दिवस में भी अपर पुलिस अधीक्षक एवं सीओ भी मौजूद रहेंगे।
सभी अधिकारी वादी दिवस पर विशेष रूप से इन बिंदुओं की समीक्षा की जाएगी कि क्या वादी का मुकदमा सुगमता से लिखा गया था? मुकदमा लिखे जाने के उपरान्त क्या विवेचनाधिकारी / थाना प्रभारी द्वारा आवेदक से 24 घंटे के अन्दर सम्पर्क किया गया? क्या विवेचनाधिकारी / थाना प्रभारी द्वारा आवेदक को समय-समय पर मुकदमें के प्रगति की जानकारी दी गयी? मुकदमें में अनावरण, गिरफ्तारी, चार्जशीट की स्थिति और क्या मुकदमें के निस्तारण से समीक्षा करने वाले अधिकारी संतुष्ट है या नहीं।
(Udaipur Kiran) / राजीव चौहान / Siyaram Pandey