मंडी, 01 दिसंबर (Udaipur Kiran) । क्रिकेट के खेल का क्रेज आज बच्चे, बेढ़े जवान हर किसी में है। भारत और कुछ चुनिंदा देशों में लोकप्रिय इस खेल के नियम कायदों और प्रारूप में लगातार बदलाव हो रहे हैं। वहीं पर गेंदबाजी और बल्लेबाजी में भी कई तरह के बदलाव आए दिन हो रहे हैं। इस खेल में जहां खिलाड़ी मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए अभ्यास करते हैं। वहीं पर अपनी खेल तकनीक में भी सुधार के लिए घंटों नेट प्रेक्टिस करते रहते हैं। इस हाईप्रोफाइल खेल में तकनीकी स्तर पर भी नए-नए प्रयोग और आविश्कार हो रहे हैं।
बल्लेबाजी के अभ्यास के लिए बॉलिंग मशीन का प्रयोग किया जाता है। जिससे गेंद की गति निर्धारित कर तेज गति से आने वाली गेंद खेलने का अभ्यास बल्लेबाज को करवाया जाता है। आआईटी मंडी के छात्रों के ग्रुप इलेवन ने इस बॉलिंग मशीन में तकनीकी सुधार करते हुए मैन्यूल की जगह इसे आटोमेटिक मशीन के मॉडल के रूप में विकसित किया है। इस बॉलिंग मशीन की विशेषता यह है कि इसमें दो ओवर के लिए एक साथ गेंद लोड की जा सकती है। इसके अलावा कौन सी गेंद गुडलैंथ होगी, कौन यार्कर और कौन शार्टपिच होगी इसकी कमांड भी पहले ही दी जा सकेगी। इसके अलावा बल्लेबाज ने कौन सी गेंद हिट की है और किस तरह की गेंद उसे खेलने में कठिनाई हो रही है। इसका डाटा भी कंप्यूटर पर होगा। मजे की बात तो यह है कि यह मशीन बल्लेबाज की कमजोरियों का लेखाजोखा लेकर उसे उसी तरह की गेंद फैंकेगी, जिसे खेलना उसके लिए कठिन हो रहा हो। इस तरह यह बालिंग मशीन अभ्यास के साथ-साथ कोचिंग की भूमिका भी निभाएगी।
ग्रुप इलैवन की टीम में शामिल अभिीनव, शेलेय, देवराज, मनीश आदि ने बताया कि आमतौर पर बालिंग मशीन फास्ट बॉलर की भूमिका निभाते हुए एक ही रफ्तार से एक ही टप्पे पर गेंद डालती है। लेकिन इसमें विविधाता के साथ-साथ आने वाले समय में स्व्ंिाग एवं स्पिन गेंदबाजी करने का प्रयास किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा