Uttar Pradesh

अब मंदिरों का सरकारीकरण नहीं, समाजीकरण हो : डा. राजकमल गुप्ता

विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय प्रबंध समिति सदस्य विश्व हिंदू परिषद के डा. राजकमल गुप्ता ने

मुरादाबाद, 28 सितम्बर (Udaipur Kiran) । आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मामले में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय प्रबंध समिति सदस्य डा. राजकमल गुप्ता ने शनिवार को मुरादाबाद में प्रेस वार्ता करते हुए कहा है कि अब मंदिरों का सरकारीकरण नहीं, समाजीकरण होना चाहिए। प्रसाद में मिलावट के इस दुर्भाग्यजनक महापाप की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कर दोषियों को कठोरतम सजा होनी चाहिए। साथ ही भगवान के भक्तों को समाविष्ट कर ऐसी व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी चाहिए। जिसमें इस तरह के षड्यंत्र की कोई संभावना न रह सके।

डा राजकमल गुप्ता ने कहा कि तिरुपति बालाजी मंदिर से मिलने वाले महाप्रसाद की पवित्रता के संबंध में आस्थावान हिंदुओं की अगाध श्रद्धा होती है। दुर्भाग्य से इस महाप्रसाद को निर्माण करने वाले घी में गाय व सूअर की चर्बी तथा मछली के तेल की मिलावट के अत्यंत दुखद और हृदय विदारक समाचार हैं। पूरे देश का हिंदू समाज आक्रोशित है और हिंदुओं का क्रोध अलग-अलग रूप में प्रकट हो रहा है। इस दुर्भाग्य-जनक महापाप की एक उच्च स्तरीय न्यायिक जांच तो होनी ही चाहिए।

उन्हाेंने कहा कि तिरुपति बालाजी मन्दिर का संचालन आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित बोर्ड करता है। वहां केवल महाप्रसाद निर्माण के मामले में ही हिंदू आस्थाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया गया। अपितु हिंदुओं के द्वारा अत्यंत श्रद्धा भाव से अर्पित की गई देव राशि (चढ़ावा) के सरकारी अधिकारियों व राजनेताओं द्वारा दुरुपयोग के भी कष्टकारी प्रकरण मिलते रहते हैं।

विहिप नेता डा. राजकमल ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद सभी सरकारों से आग्रह करती है कि उनके द्वारा अवैधानिक और अनैतिक कब्जों में लिए गए सभी मंदिरों को अविलंब मुक्त करके हिंदू संतो व भक्तों को एक निश्चित व्यवस्था के अन्तर्गत सौंप दें।

(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जयसवाल

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