Uttrakhand

अब संभव है सोरायसिस का आयुर्वेदिक उपचार : आचार्य बालकृष्ण

पतंजलि शोध केंद्र

हरिद्वार, 20 अप्रैल (Udaipur Kiran) ।विश्व प्रसिद्ध टेलर एंड फ्रांसिस प्रकाशन के रिसर्च जर्नल जर्नल ऑफ़ इन्फ्लेमेशन रिसर्च में पतंजलि का एक महत्वपूर्ण शोध प्रकाशित हुआ है। इस महत्वपूर्ण शोध के अनुसार पतंजलि ने सोरोग्रिट और दिव्य-तेल की सहायता से सोरायसिस जैसी बीमारी को दूर करने में सफलता पाई है।

यह जानकारी देते हुए पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि के वैज्ञानिकों ने विविध शोध कर सोरोग्रिट टैबलेट तथा दिव्य तेल का निर्माण किया है, जो सोरायसिस की अचूक औषधि हैं। सोरायसिस एक दीर्घकालिक त्वचा रोग है, जिसमें त्वचा पर चांदी जैसी चमकदार पपड़ी, और लाल चकत्ते दिखाई देते हैं। इन चकत्तों में बहुत खुजली होती है।

एलोपैथिक चिकित्सा में इस रोग में मात्र लक्षणों को कम किया जाता है, और साथ ही एलोपैथ के दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं। सोरायसिस एक गम्भीर ऑटो इम्यून रोग है जिसमें रोगी को असहनीय परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अभी तक इसका कोई स्थाई उपचार नहीं था। लेकिन पतंजलि ने प्राकृतिक जड़ी – बूटियों के माध्यम से सोरायसिस जैसे लाइलाज समझे जाने वाले रोग को भी ठीक किया है।

उन्होंने बताया कि पतंजलि के वैज्ञानिकों द्वारा चूहों के इमिक्विमोड और टीपीए इनड्यूस्ड सोरायसिस के दो अलग-अलग प्रीक्लीनिकल मॉडल को सोरोग्रिट टैबलेट दी गई और दिव्य-तेल का उपयोग उनकी त्वचा पर किया गया, तो इसके सकारात्मक परिणाम मिले।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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