– शिक्षा विभाग ने तैयार किए रेशनेलाइजेशन के नए नियम
चंडीगढ़, 29 मार्च (Udaipur Kiran) । शिक्षा विभाग ने कक्षा छठी से 12वीं तक विद्यार्थियों की संख्या का रेशनेलाइजेशन करते हुए 50 विद्यार्थियों का एक सेक्शन बनाने का नियम तैयार किया है। कक्षा छठी से आठवीं तक सामाजिक अध्ययन के अध्यापक को अंग्रेजी, साइंस, साइंस के अध्यापक को गणित और संस्कृत शिक्षक को हिंदी पढ़ानी होगी।
विभाग की ओर से युक्तिकरण के नियम तैयार कर जिला शिक्षा अधिकारियों को भेज दिए हैं और शिक्षकों से इस पर आपत्ति और सुझाव मांगे हैं। शिक्षा विभाग ने पीजीटी, ईएसएचएम, टीजीटी, सीएंडवी तथा डीपीई के वर्कलोड को लेकर नए नियम तैयार किए हैं।
पीजीटी का वर्कलोड विभाग की ओर से सेक्शन प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। पहले 40 विद्यार्थियों का एक सेक्शन निर्धारित किया गया था। अब इसमें बदलाव करते हुए 50 विद्यार्थियों की संख्या पर एक सेक्शन बनाने का फैसला लिया है। 50 से ऊपर विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर सेक्शन निर्धारित किए गए हैं।
वहीं हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने रेशनेलाइजेशन पर आपत्ति जताई है। संघ का कहना है कि रेशनेलाइजेशन का मुख्य उद्देश्य बच्चों को टीचर उपलब्ध करवाना होना चाहिए न कि पदों को समाप्त करना। संघ के अनुसार स्कूलों में प्रत्येक विषय का और प्राथमिक विभाग में प्रत्येक कक्षा को अलग-अलग अध्यापक मिलना चाहिए। एक अध्यापक के 36 पीरियड हैं, इसलिए 36 पीरियड के बाद दूसरे पद का सृजन किया जाना चाहिए। एक कक्षा में प्रथम सेक्शन की संख्या 50 न होकर अगले सेक्शनों की तरह 40 ही होनी चाहिए। कक्षा छठी से आठवीं तक पहली पोस्ट एसएस, साइंस, संस्कृत की होगी, जबकि दूसरी पोस्ट अंग्रेजी मैथ व हिंदी की होगी। इसके अलावा एक पद ड्राइंग, होम साइंस, म्यूजिक तथा एक पद टीजीटी फिजिकल एजुकेशन के साथ पीटीआई की होगी। कम से कम चार पोस्ट टीजीटी/सीएंडवी की 6-8 क्लासेज में दी जाएंगी।
—————
(Udaipur Kiran) शर्मा
