नई दिल्ली, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने टेरर फंडिंग के आरोपित और कश्मीर के अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की तिहाड़ जेल में टेलीफोन से बात करने और ई-मुलाकात की अनुमति देने की मांग पर एनआईए को नोटिस जारी किया है। जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
शब्बीर शाह ने याचिका दायर कर उस सर्कुलर को चुनौती दी है जिसमें ई-मुलाकात और टेलीफोन पर बात करने के लिए जांच एजेंसी के अनापत्ति प्रमाण पत्र की जरूरत का प्रावधान किया गया है। इस सर्कुलर की वजह से शब्बीर शाह किसी से न तो टेलीफोन पर बात कर पा रहा है और न ही ई-मुलाकात की अनुमति दी जा रही है।
शब्बीर शाह को पटियाला हाउस कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 27 अगस्त को जमानत दी थी। शब्बीर शाह पर टेरर फंडिंग का मामला भी चल रहा है जिसमें वो न्यायिक हिरासत में है। पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, रशीद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताफ अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था।
एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया। वर्ष 1993 में अलगवावादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई।
एनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया। इस धन का उपयोग घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह