नई दिल्ली, 11 नवम्बर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने भारत में युवाओं को रिक्रूट करने और उनका ब्रेनवाश कर आतंकी गतिविधियों के लिए प्रेरित करने के आरोपित आईएसआईएस संदिग्ध रमीज अहमद लोन की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 15 जनवरी को करने का आदेश दिया।
एनआईए ने रमीज अहमद लोन और उसके दो साथियों के खिलाफ जून, 2021 में भारतीय दंड संहिता की धारा 124ओए, 153ए, 153बी और यूएपीए की धारा 17, 18, 18बी, 38, 39 और 40 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। लोन को 11 जुलाई, 2021 को उसके सहयोगियों उमर निसार और तनवीर अहमद भट्ट के साथ गिरफ्तार किया गया था। लोन पर प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस से संपर्क रखने और देश में युवाओं को रिक्रूट करने और उनका ब्रेनवाश कर आतंकी गतिविधियों के लिए भारत के खिलाफ प्रेरित करने का आरोप है।
एनआईए के मुताबिक ये आरोपित फर्जी ऑनलाइन पहचान बनाकर भारत के विभिन्न इलाकों से आईएसआईएस से संबंधित प्रोपेगैंडा मैटेरियल की सप्लाई करते थे। इसके जरिये वे युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काने का काम करते थे। वे द वॉयस ऑफ हिंद नामक प्रोपेगैंडा मैगजीन का प्रकाशन करते थे। मैगजीन में युवाओं को भारत के खिलाफ तैयार कर उनके दिमाग में जहर घोलने का काम करते थे। एनआईए ने इनके ठिकानों पर छापे मारकर काफी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद की थी। इनके पास से एनआईए ने कई डिजिटल उपकरण, आईएसआईएस के लोगो वाले टी-शर्ट भी बरामद हुई थी। एनआईए ने इस मामले में 6 जनवरी, 2022 को 11 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिनमें से 3 फरार हैं। लोन की जमानत याचिका ट्रायल कोर्ट ने 28 सितंबर को खारिज कर दी थी। ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम