नई दिल्ली, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 में दिल्ली के सुल्तानपुरी सिख विरोधी दंगा मामले में तीन सिखों की हत्या के मामले में बरी करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर में करने का आदेश दिया है।
याचिका इस मामले की एक गवाह शीला कौर ने दायर की है। शीला कौर ने राऊज एवेन्यू कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें सज्जन कुमार को बरी करने का आदेश दिया गया था। पहले इस मामले की सुनवाई पटियाला हाउस कोर्ट में चल रही थी। ये केस सुल्तानपुरी का है। इस केस को दर्ज करने का आदेश सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए बनी नानावती आयोग ने दिया था। 16 नवंबर 2018 को इस केस की मुख्य गवाह चाम कौर ने पटियाला हाउस कोर्ट में अपनी गवाही के दौरान कोर्ट में उपस्थित सज्जन कुमार की पहचान की थी।
20 सितंबर 2018 को चाम कौर ने आरोप लगाया था कि उन्हें कोर्ट में गवाही देने से रोका जा रहा है। चाम कौर ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी सुरक्षा की मांग की थी। चाम कौर ने कहा था कि उन्हें फोन पर धमकी दी जा रही है कि अगर उसने कोर्ट में गवाही दी तो गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाएं। चाम कौर ने कहा था कि 19 सितंबर की रात दिल्ली के सुल्तानपुर माजरा के पूर्व कांग्रेस विधायक जय किशन के लोगों ने उसके घर आकर धमकी दी। उन्हें पैसे का भी लालच दिया गया।
28 मार्च 2019 को जोगिंदर सिंह ने अपने बयान में पटियाला हाउस कोर्ट को बताया था कि सज्जन कुमार ने भीड़ का नेतृत्व किया और उन्हें उकसाने का काम किया था। जोगिंदर सिंह ने कहा था कि जब वे पुलिस के पास एफआईआर लिखवाने पहुंचा तो पुलिस सज्जन कुमार का नाम लिखने से इनकार कर दिया। जोगिंदर सिंह ने कहा था कि उस दंगे में उसके भाई की हत्या कर दी गई।
बतादें कि सज्जन कुमार एक दूसरे सिख विरोधी दंगों के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद दिल्ली की मंडोली जेल में बंद हैं। सज्जन कुमार ने 31 दिसंबर 2018 को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर किया था।
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा / आकाश कुमार राय