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नई दिल्ली, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली दंगों की साजिश रचने की आरोपी देवांगन कलीता की जांच से संबंधित केस डायरी को संरक्षित रखने की मांग पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को करने का आदेश दिया।
देवांगन कलीता की ओर से पेश वकील ने हाई कोर्ट से कहा कि केस डायरी में पूर्व की तिथियों को अंकित कर बयानों को दर्ज किया गया है, जो कानूनी तौर पर वैध नहीं है। उन्होंने मांग की कि केस डायरी के दस्तावेज संरक्षित रखने का दिशानिर्देश जारी किए जाएं। तब कोर्ट ने कहा कि हम एकतरफा आदेश जारी नहीं कर सकते हैं, दिल्ली पुलिस का जवाब आने दीजिए। कलीता की ओर से कहा गया कि ट्रायल कोर्ट में आरोप तय करने पर सुनवाई चल रही है। आरोप तय करने पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने केस डायरी में पूर्व की तिथियों वाले बयानों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि देवांगन कलीता की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की करवाने में मुख्य भूमिका थी।
कलीता पर आरोप है कि उसने 22 फरवरी, 2020 को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास सड़क जाम करने के लिए लोगों को उकसाया था। कलीता को यूएपीए के मामले में जमानत मिल चुकी है। इस मामले में सफूरा जरगर, ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता को आरोपित बनाया गया है। इनमें सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तान्हा, देवांगन कलीता और नताशा नरवाल को जमानत मिल चुकी है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोग मारे गए थे और करीब दो सौ लोग घायल हो गए थे।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
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