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बार काउंसिल में आनुपातिक प्रतिनिधित्व न होने पर केंद्र और बीसीआई को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 17 सितम्बर (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) और राज्य बार काउंसिल में महिलाओं, समलैंगिक समुदाय, दिव्यांगों और एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग को आनुपातिक प्रतिनिधित्व देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और बीसीआई को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी किया।

यह याचिका सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य एमजी योगमाया ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पीवी दिनेश ने कहा कि वर्तमान में बीसीआई में एक भी महिला प्रतिनिधि नहीं है। उन्होंने एडवोकेट एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि आनुपातिक प्रतिनिधित्व शब्द का मतलब उनके लिए लगाया जाना चाहिए, जिनका प्रतिधिनित्व नहीं हुआ है। याचिका में कहा गया है कि 14 राज्य बार काउंसिल में से केवल चार राज्यों तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार और मध्यप्रदेश में महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। तमिलनाडु और तेलंगाना बार काउंसिल में एक-एक महिला और बिहार और मध्यप्रदेश में दो-दो महिलाओं का प्रतिनिधित्व है।

याचिका में कहा गया है कि इस संबंध में जब तक कानून नहीं बनते हैं तब तक महिलाओं समलैंगिक समुदाय विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों और हाशिये के समुदायों के प्रतिनिधियों के लिए सीटें आरक्षित करने का दिशानिर्देश जारी किया जाए।

(Udaipur Kiran) /संजय

(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम

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