West Bengal

अणुव्रत मंडल की सुरक्षा में कटौती, सिंघम मोड में पुलिस : थाने में पेशी के लिए भेजा गया नोटिस

तृणमूल कांग्रेस के पूर्व बीरभूम जिलाध्यक्ष अणुव्रत मंडल

लगे गैर-जमानती धाराएं

कोलकाता, 30 मई (Udaipur Kiran) । बोलपुर थाने के एक पुलिस अधिकारी की मां और पत्नी को फोन दुष्कर्म की धमकी देने के मामले में तृणमूल कांग्रेस के पूर्व बीरभूम जिलाध्यक्ष अणुव्रत मंडल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जहां पार्टी ने उन्हें सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने का निर्देश दिया, वहीं अब पुलिस ने उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, अणुव्रत मंडल पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की चार धाराएं लगाई गई हैं, जिनमें से दो धाराएं गैर-जमानती हैं। उनके खिलाफ बीएनएस की धारा 224 (कर्तव्यरत सरकारी कर्मचारी को धमकाना), 351 (अपराधपूर्ण डर पैदा करना), 75 (यौन उत्पीड़न) और 132 (सरकारी कार्य में बाधा डालना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

इनमें धारा 224 और 351 भले ही जमानती हैं, लेकिन धारा 75 और 132 के तहत गिरफ्तारी की स्थिति में आसानी से जमानत नहीं मिल सकती।

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पुलिस ने दफ्तर जाकर थमाया नोटिस, पेश होने का निर्देश

शुक्रवार को पुलिस की एक टीम ने सीधा अणुव्रत मंडल के कार्यालय पहुंचकर उन्हें नोटिस थमाया। नोटिस में उन्हें शनिवार सुबह थाने में पेश होने का आदेश दिया गया है। माना जा रहा है कि यदि वे समय पर पेश नहीं हुए तो गिरफ्तारी की कार्रवाई भी की जा सकती है।

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सुरक्षा में कटौती, वाई कैटेगरी के बाद हटाई गई अतिरिक्त सुरक्षा

बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक अमनदीप ने बताया कि अणुव्रत मंडल को अब तक वाई कैटेगरी की सुरक्षा के अतिरिक्त भी जिला पुलिस की ओर से विशेष सुरक्षा दी जा रही थी, लेकिन अब उसे भी हटा लिया गया है। उन्होंने बताया कि तिहाड़ जेल से लौटने के बाद भी उनकी सुरक्षा व्यवस्था जस की तस बनी रही थी, लेकिन अब पहली बार उसमें कटौती की गई है।

इससे पहले तृणमूल कांग्रेस ने वायरल ऑडियो क्लिप में अणुव्रत मंडल की भाषा को ‘अस्वीकार्य’ बताया था और चार घंटे के भीतर बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया था। पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह ऐसे व्यवहार का समर्थन नहीं करती और यदि माफी नहीं मांगी गई तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया है। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने ऑडियो क्लिप को राज्य में कानून व्यवस्था की गिरती स्थिति का प्रमाण बताया और तत्काल जांच की मांग की है।

यह मामला पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल मचा चुका है, और अब यह देखना अहम होगा कि अणुव्रत मंडल के खिलाफ पुलिस और प्रशासन आगे क्या कदम उठाते हैं।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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