नई दिल्ली, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने हजरत निज़ामुद्दीन में संरक्षित स्मारक मजार-ए-ग़ालिब और चौसठ खंबा के पास पेड़ों की कटाई के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने वन विभाग, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली पुलिस और दिल्ली वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने दो हफ्ते के अंदर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
हजरत निजामुद्दीन वेलफेयर एसोसिएशन नामक एनजीओ ने दायर याचिका में कहा कि हजरत निजामुद्दीन औलिया के प्रवेश द्वार के पास मजार-ए-ग़ालिब और चौसठ खंबा के पास खुले स्थान पर करीब सौ वर्ष पुराने पेड़ों को काटा जा रहा है। मजार-ए-गालिब मशहूर शायर मिर्जा गालिब का मकबरा है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने संबंधित प्राधिकारों को निर्देश दिया कि किसी भी पेड़ को काटा नहीं जाए और बिना कानूनी प्रक्रिया का पालन किए किसी भी पेड़ को काटा नहीं जाएगा।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील मुजीब अहमद ने कहा कि हाईराईज टिन शेड खड़ा करके वहां के सौ साल पुराने पेड़ों को काटा जा रहा है, ताकि वहां की भूमि पर अवैध निर्माण खड़ा किया जा सके। उन्होंने कहा कि जुलाई में पेड़ों के चारों ओर टिन शेड लगाए गए और अब वहां लकड़ियों के टुकड़े पड़े हुए हैं। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में पुलिस से शिकायत की थी लेकिन उसके बावजूद बिल्डर माफिया ने पेड़ों को काटने की अपनी गैरकानूनी गतिविधियां शुरू कर दीं। उसके बाद याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम / आकाश कुमार राय