Uttar Pradesh

छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य का मूल्यांकन करेगी नोटेंशन4स्टूडेंटस ऐप: मनोचिकित्सक

उद्धघाटन के दौरान रिबिन काटते कुलपति

कानपुर, 30 जनवरी (Udaipur Kiran) । भारतीय विश्वविद्यालयों में दस प्रतिशत विद्यार्थी आत्महत्या के विचार रखते हैं। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य का आत्म मूल्यांकन करने के लिए नोटेंशन4 स्टूडेंटस डिटिजल ऐप का निर्माण किया। वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार एक गर्भवती महिला अगर किसी भी प्रकार की शारीरिक प्रताड़ना एवं भेद-भाव के कारण मानसिक बीमारी की शिकार होती है। तो उसका प्रभाव उसके होने वाले बच्चे की मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है। यह बातें गुरुवार को सीएसजेएमयू में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मनोचिकित्सक प्रो. डॉ. अमरेश श्रीवास्तव ने कही।

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) में स्कूल आफ आर्ट्स ह्यूमेनिटीज एण्ड सोशल साइंसेस के शिक्षा एवं प्रसार विभाग में सेंटर फॉर वैल्बेंग का उद्घाटन एवं ‘डिजिटल ऐप के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य का आंकलन विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विवि के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने की। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के तौर पर कनाडा स्थित वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर व मनोचिकित्सक डा. अमरेश श्रीवास्तव को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने मानसिक स्वास्थ्य के विषय पर बात करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक क्रिया-कलापों के कारण मानसिक बीमारियों की संभावना कम होती है। जबकि शहरी क्षेत्रों में मानसिक बीमारियों की संभावना ज्यादा होती है। अपने मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए कुछ बिंदुओं जैसे शारीरिक व्यायाम, मेडीटेशन, इलेक्ट्रानिक उपकरणों का न्यूनतम उपयोग एवं समाजीकरण के बारे में बताया।

मुख्य वक्ता डॉ. अमरेश श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों पर शोध के द्वारा मानसिक स्वास्थ्य का आत्म मूल्यांकन करने के लिए नोटेंशन4 स्टूडेंटस ऐप डिटिजल ऐप का निर्माण किया। उनके द्वारा ऐप के निर्माण के लिए केजी सुमैया यूनिवर्सिटी मुम्बई के 442 विद्यार्थियों पर शोध किया गया। जिसका उद्देश्य तनाव का स्तर, मानसिक विकारों या लक्षणों की उपस्थिति, मानसिक स्वास्थ्य जोखिम, मानसिक शक्ति जैसे मुद्दों का स्वमूल्यांकन करना है। इसका निर्माण मानसिक शक्ति फाउंडेशन के तहत किया गया है, जिसका संकल्प है कि छात्र अपने मानसिक स्वास्थ्य का स्वमूल्यांकन करें, अपनी कमजोरियों की पहचान करें एवं आवश्यकताओं के विशिष्ट अनुरूप मार्गदर्शन प्राप्त करें।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

Most Popular

To Top