Uttar Pradesh

छात्रों के लिए डिग्री ही नहीं बल्कि व्यावसायिक और तकनीकी कौशल भी आवश्यक : प्रो विनय कुमार पाठक

कार्यक्रम के दौरान कुलपति विनय कुमार पाठक व अन्य

कानपुर, 13 फरवरी (Udaipur Kiran) आज की दुनिया आपसी जुड़ाव व ज्ञान के आदान-प्रदान और वैश्विक सहयोग पर निर्भर है। उच्च शिक्षा केवल अकादमिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक-आर्थिक विकास, नवाचार और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने का माध्यम भी है। इसलिए यह आवश्यक है कि हम पारंपरिक सीमाओं से परे जाकर सहयोग करें और एक समावेशी, सशक्त और टिकाऊ शैक्षिक भविष्य का निर्माण करें। आज के समय में छात्रों के पास न केवल डिग्री, बल्कि आवश्यक व्यवसायिक और तकनीकी कौशल भी होना चाहिए तभी वें जीवन की ऊंचाइयों में आगे बढ़ सकते हैं। यह बातें गुरुवार को लंदन में उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन में सीएसजेएमयू के कुलपति विनय कुमार पाठक ने कही।

लंदन के वेस्टमिंस्टर में हाउस ऑफ लॉर्ड्स पैलेस में भारत-यूके अचीवर्स कार्यक्रम और भारत-यूके-आयरलैंड उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ। जिसमें देश-विदेश की बड़ी हस्तियां शिरकत कर रही हैं। सम्मलेन में जलवायु परिवर्तन से लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसी वैश्विक चुनौतियों पर विश्व के कई शिक्षाविद्, विश्वविद्यालय के कुलपतियों, नीति निर्माता मंथन कर रहे हैं। इस अवसर पर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पाठक ने कहा कि टियर टू और टियर थ्री शहरों के संस्थानों ने अपने एजुकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर में तेजी से विकास किया है। भारत और यूके के बीच शैक्षिक संबंधों की जड़ें गहरी हैं। हमारे महान नेताओं और विद्वानों जैसे महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर ने ब्रिटेन और आयरलैंड के विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की और अपने ज्ञान से भारत के भविष्य को आकार दिया। यह साझेदारी केवल इतिहास तक सीमित नहीं है, बल्कि नवाचार, अनुसंधान, और अकादमिक उत्कृष्टता के माध्यम से एक नए युग में प्रवेश कर रही है। अब दुनिया भर में उच्च शिक्षा केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है। दूसरे तमाम शहर भी तेजी से कौशल और तकनीक के साथ प्रगति कर रहे हैं।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

Most Popular

To Top