Uttar Pradesh

रेलवे हित निरीक्षक पर लगे यौन उत्पीड़न व रिश्वत के झूठे आरोपाें को महाप्रबंधक के सामने मुद्दा उठाएगी नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन

नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन की सभा मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के मुख्य द्वारा पर शनिवार को सम्पंन

मुरादाबाद, 22 फरवरी (Udaipur Kiran) । नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन की सभा मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के मुख्य द्वारा पर शनिवार को सम्पंन हुई। मृत आश्रित कोटे के तहत अनुकंपा के आधार पर रेलवे में नौकरी के लिए आवेदन करने वाली युवती द्वारा रेलवे हित निरीक्षक पर लगाए गए यौन उत्पीड़न व रिश्वत मांगने के आरोपाें का मामला उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक के समक्ष उठाया जाएगा।

मुरादाबाद निवासी युवती द्वारा मृत आश्रित कोटे के तहत अनुकंपा के आधार पर रेलवे में नौकरी के लिए आवेदन करने के बाद हित निरीक्षकों की जांच व सहायक कार्मिक अधिकारी की आख्या के आधार पर उसे सिग्नल खलासी के पद पर चुना गया। युवती रेलवे स्कूल बरेली में चपरासी या रेलवे अस्पताल में नौकरी करना चाहती थी। उसकी पात्रता की जांच कर रहे दो हित निरीक्षकों पर युवती ने नौकरी के लिए ₹2,00,000 रिश्वत मांगने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। युवती द्वारा रेलवे प्रशासन को दिए शिकायती पत्र में उसने लिखा था कि सहायक कार्मिक अधिकारी से बात करने पर उन्होंने भी हित निरीक्षकों का समर्थन किया उनका कहना था कि जैसा वह कहते हैं वैसा ही करती रहो इस पर रेलवे की इंटरनल कमेटी ने जांच टीम गठित की, जिसमें रेलवे अस्पताल की सीएमएस डॉ इंद्रजीत कौर, सीनियर डीपीओ डॉ अजय सोयल, सीनियर डीओएम पी डॉ अंजू सिंह के अलावा जीके सोती व डॉ माधुरी सिंह शामिल थी। कमेटी की जांच में पाया गया की मनपसंद जगह पर नौकरी न मिलने के लिए युवती ने रेलवे हित निरीक्षक पर झूठे आरोप लगाए थे। इस पर हित निरीक्षक को दोष मुक्त करने के साथी युवती की झूठी शिकायत के लिए उकसाने वालों पर कार्रवाई का आदेश दिया है।

इसको लेकर नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के मंडल मंत्री राजेश चौबे ने इस मुद्दे को जीएम के साथ स्थायी वार्ता तंत्र में उठाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को मिले अधिकारों का दुरुपयोग रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। नरमू के मंडल अध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों के घर जाकर उनके दस्तावेजों की जांच व कई बिंदुओं की जांच करना हित निरीक्षकों के काम का हिस्सा है। इस तरह के आरोपों से समाज में व्यक्ति की मानहानि होती है। लिहाजा रेलवे प्रशासन को ऐसे हर मामले में सघन जांच करनी चहिए।

(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल

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