किशनगंज,03 सितम्बर (Udaipur Kiran) । गैर संचारी रोग (एनसीडी) जैसे कि कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, अल्जाइमर और मोतियाबिंद जैसी बीमारियां वर्तमान समय में एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती के रूप में उभर रही हैं। ये बीमारियां संक्रामक नहीं होतीं, लेकिन इनका प्रभाव इतना गंभीर हो सकता है कि समय पर उचित इलाज न मिलने पर ये जानलेवा साबित हो सकती हैं।
जिले में गैर संचारी रोगों की स्थिति को सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके तहत जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर एनसीडी क्लीनिक स्थापित किए गए हैं, जिनका उद्देश्य रोगियों की नियमित जांच और उन्हें समय पर दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. उर्मिला कुमारी के द्वारा लगातार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में निरीक्षण कर कार्यक्रम को शत—प्रतिशत सफल करने का कार्य रही है।
मंगलवार को निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि इन रोगों का एक प्रमुख कारण लोगों द्वारा शरीर में होने वाले हल्के लक्षणों को नज़रअंदाज करना है। उन्होंने बताया, गैर संचारी रोग अक्सर शुरुआती चरण में सामान्य प्रतीत होते हैं, लेकिन समय के साथ ये गंभीर रूप धारण कर लेते हैं। लोग शरीर में होने वाले हल्के लक्षणों को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं और समय पर चिकित्सा सहायता नहीं लेते, जिसका परिणाम यह होता है कि जब तक रोग की पहचान होती है, तब तक यह काफी गंभीर हो चुका होता है।
सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में गैर संचारी रोगों का जोखिम अधिक होता है। उन्होंने कहा, इस आयु वर्ग के लोगों को नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए। जिले के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है, जहां मरीजों की जांच और इलाज मुफ्त में किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग ने गैर संचारी रोगों की जांच के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष मेडिकल किट भी उपलब्ध कराई हैं। इन किटों में ब्लडप्रेशर जांच मशीन, ग्लूकोमीटर और अन्य आवश्यक उपकरण शामिल हैं, जिससे रोग की पहचान जल्दी की जा सके। इसके साथ ही, रोग की पुष्टि होने पर मरीजों को संबंधित दवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती हैं।
डा. उर्मिला कुमारी ने बताया कि एनसीडी क्लीनिकों का मुख्य उद्देश्य इन रोगों की समय पर पहचान करना और मरीजों को आवश्यक उपचार प्रदान करना है, ताकि उनके जीवन को सुरक्षित और स्वस्थ रखा जा सके। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि लोगों को अपनी सेहत के प्रति सजग रहना चाहिए और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए। जिले में गैर संचारी रोगों की रोकथाम और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत हैं।
सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मरीजों को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाएं प्रदान करें और किसी भी तरह की लापरवाही से बचें।
(Udaipur Kiran) / धर्मेन्द्र सिंह