Haryana

डेढ दशक पुराने  पेट्रोल व दस वर्ष पुराने डीजल वाहनाें की  15 दिन में  एनओसी जरूरी

प्रदूषण नियम तोड़ने वाली फैक्ट्रियों में कार्रवाई करते हुए टीम।

जिले की सड़कों पर 15 वर्ष पुराने पेट्रोल व 10 वर्ष पुराने डीजल वाहन प्रतिबंधितः एसडीएम

झज्जर, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । जिला प्रशासन ने वातावरण में प्रदूषण फैलाने वाले अनफिट वाहनों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। एसडीएम रविंद्र यादव ने शुक्रवार को बताया कि जिले में झज्जर आरटीओ में रजिस्टर्ड 15 पुराने पेट्रोल वाहन व 10 वर्ष पुराने डीजल वाहनों को 15 दिनों के अंदर एनओसी लेनी अनिवार्य है अन्यथा उन्हें पोर्टल से अपंजीकृत कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में 10 साल पुराने डीजल वाहन व 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों की आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। इन दोनों श्रेणियों में पंजीकृत वाणिज्य व गैर वाणिज्यिक वाहन जो झज्जर आरटीओ में पंजीकृत हैं को आगामी 15 दिनों के अंदर एनओसी लेनी अनिवार्य है। हालांकि जिले में 15 वर्ष पुराने पेट्रोल व 10 वर्ष पुराने डीजल वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित है लेकिन उन्हें अपंजीकृत होने से बचने के लिए आगामी 15 दिनों के अंदर झज्जर आरटीओ से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) हासिल करनी होगी। एसडीएम ने कहा कि जिले में प्रदूषण नियमों की अवहेलना करने वाले वाहनों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों को सख्ती से आदेश लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

बगैर एचएसआरपी और स्टीकर वाले वाहनों का प्रदूषण सर्टिफिकेट जारी करने पर होगी कार्रवाई

जिला उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि जिले में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर प्रशासन सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले की सीमा में प्रदूषण फैला रहे वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। नियमों की अवहेलना करने वाले प्रदूषण नियंत्रण केंद्रों पर कार्रवाई करने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। एसडीएम रविंद्र यादव ने बताया जिला उपायुक्त के दिशा-निर्देशन में प्रदूषण नियंत्रण हेतु कार्रवाई की जा रही है। सभी प्रदूषण केंद्रों संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) और होलोग्राम बेस्ड रंगीन स्टीकर नहीं होंगे, उन्हें पॉल्यूशन कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट जारी नहीं किए जाएंगे। ऐसे वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग और पुलिस विभाग बड़े स्तर पर जांच अभियान चलाएगा और इनके चालान किए जाएंगे। अगर कोई जांच केंद्र निर्देशों की अवहेलना करते हुए ऐसे वाहनों को प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट जारी करता है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

डीसी प्रदीप दहिया ने कहा कि जिले में प्रदूषण नियंत्रण करते हुए एयर क्वालिटी इंडेक्स को सामान्य करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा ग्रेप-4 के तहत सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदूषण नियमों की अवहेलना करने वाली फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर शक्ति सिंह ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम द्वारा शुक्रवार को बहादुरगढ़ क्षेत्र में अनधिकृत व प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने वाले प्लास्टिक फैक्ट्रियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए काफी फैक्ट्रियों को सील कर दिया। इसके अलावा कार्रवाई करते हुए अनाधिकृत फैक्ट्रियों के बिजली कनेक्शनों को काट दिया गया। उन्होंने बताया कि जिले में प्रदूषण नियंत्रण हेतु गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। जिले में 23 एंटी स्मोग गन एक्टिव हैं जो प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार्य कर रही हैं। इसके अलावा नगर परिषद द्वारा वाटर स्प्रिंकलिंग करवाई जा रही है। प्रदूषण नियम तोड़ने वाली इंडस्ट्रियों पर पैनी नजर है और नियम तोड़ने पर जुर्माना लगाया जा रहा है।

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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज

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