नई दिल्ली, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार किया है। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार करते हुए संजय भंडारी की नीयत पर सवाल खड़े किए।
हाई कोर्ट ने कहा कि संजय भंडारी ने याचिका में अपने यूनाइटेड किंगडम के पते को छुपाया, जिससे उसकी नीयत पर सवाल खड़े होते हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि संजय भंडारी अपनी याचिका में कोई भी ऐसा तथ्य नहीं दे पाया जिसकी वजह से कोर्ट ईडी की भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत चल रही कार्रवाई पर रोक लगाएं। हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का दामन खुद साफ नहीं है।
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिसंबर 2023 में ईडी की ओर से संजय भंडारी के खिलाफ दाखिल पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। पूरक चार्जशीट में संयुक्त अरब अमीरात के बिजनेसमैन सीसी थम्पी और ब्रिटेन के व्यवसायी सुमित चड्ढा का नाम शामिल किया है। संजय भंडारी कथित तौर पर प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का करीबी सहयोगी है। ईडी के मुताबिक उसने सुमित चड्ढा और उनकी पत्नी को समन जारी किया था लेकिन दोनों जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए।
ईडी की चार्जशीट में आरोप था कि यूपीए शासनकाल में भंडारी ने कमीशन लिया और लंदन में संपत्ति खरीदी जिसके लाभार्थी मालिक रॉबर्ट वाड्रा हैं। रॉबर्ट वाड्रा ने ईडी के आरोपों को गलत बताया था। इस मामले में पहले ईडी ने हथियार डीलर संजय भंडारी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दक्षिण दिल्ली में पंचशील पार्क में पंचशील शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में स्थित संपत्ति को कब्जे में लिया था जो कि एसबी हॉस्पिटेलिटी एंड सर्विसेज प्रा.लि. के नाम पर रजिस्टर्ड कराया गया है। ईडी ने 2017 में भंडारी और दूसरे आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह