Jammu & Kashmir

राजौरी मौतों के मामले में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने की कोई आवश्यकता नहीं है- स्वास्थ्य विभाग

राजौरी, 20 जनवरी (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में स्वास्थ्य विभाग युद्धस्तर पर काम कर रहा है और स्वास्थ्य अधिकारी निवासियों की व्यापक जांच शुरू कर रहे हैं।

अज्ञा बीमारी ने दिसंबर 2024 की शुरुआत से अब तक 17 लोगों की जान ले ली है और 38 लोगों को प्रभावित किया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीमों का कहना है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

सीएमओ राजौरी डॉ. एमएल रैना ने कहा कि हमने 1600-1700 घरों की बार-बार जांच की है। हमने घर-घर जाकर 9000-10000 घरों की जांच की है। हमारे पास ऑन-रिकॉर्ड डेटा, दिन-वार डेटा और तारीख-वार डेटा है। अज्ञात बीमारी के प्रकोप के अगले ही दिन हमने अपनी टीमों को तैनात कर दिया जिसमें हम सक्रिय निगरानी और निष्क्रिय निगरानी कर रहे हैं। हमारी मेडिकल मोबाइल इकाइयाँ हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन के डॉक्टरों की एक टीम है। इसके साथ ही हमारे पास एक लैब सिस्टम भी है।

डॉ. एम.एल. रैना ने जिले में चल रही निगरानी और जन स्वास्थ्य प्रयासों पर अपडेट प्रदान किया। उन्होंने कहा कि सभी क्लस्टरों के लिए टीमें गठित की गई हैं और पिछले दो महीनों में सक्रिय और निष्क्रिय दोनों तरह से निगरानी की गई है। उन्होंने कहा कि हमने पूरे जिले और फील्ड स्तर पर कार्यकर्ताओं के लिए टीमें गठित की हैं। हमारे पास 8 क्लस्टरों के लिए 8 अलग-अलग टीमें हैं। इसलिए पिछले दो महीनों से हम सक्रिय और निष्क्रिय निगरानी और बेस कैंप पर काम कर रहे हैं। डॉ. एम.एल. रैना ने आगे बताया कि परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। हमने सिस्टम की जाँच की है ताकि कोई समस्या न हो।

उन्होंने कहा कि आप देख सकते हैं कि हमारी तरफ से सब कुछ साफ़ हो गया है। अगर हम वेक्टरोलॉजी की तरफ जाते हैं तो यह भी नकारात्मक है। अगर हम वायरल की तरफ जाते हैं तो यह नकारात्मक है। उन्होंनके कहा कि कोई सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं है।

एक निवासी सुरजीत सिंह ठाकुर ने कहा यहाँ स्वास्थ्य टीम ने पहले दिन से ही अच्छा काम किया। हमारा पुलिस विभाग जाँच पूरी करने के लिए उनके साथ काम कर रहा है। जांच जारी है और हमें नहीं पता कि ये मौतें क्यों हुईं। हमें पता चला है कि यह कोई जीवाणु रोग या वायरस नहीं था। भोजन, पानी और सभी दैनिक जरूरतों के नमूने एकत्र किए जा रहे हैं। हमें पता चला है कि यह कोई बीमारी नहीं है, यह स्पष्ट हो गया है कि यह जहर है या कुछ और है। उन्होंने आगे कहा विभाग अच्छा काम कर रहा है। मैंने आपको पहले भी बताया है कि पूरा पुलिस प्रशासन, नागरिक प्रशासन और मेडिकल टीम यहां मौजूद है। मुझे लगता है कि उन्हें कहीं कुछ छोटे सुराग मिले हैं। यह जांच का हिस्सा है। जब यह जांच ठीक से हो जाएगी, तब आपको पता चल जाएगा।

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले छह हफ्तों में रिपोर्ट की गई तीन घटनाओं में अस्पष्टीकृत मौतों के कारणों की जांच के लिए शनिवार को गृह मंत्रालय (एमएचए) के नेतृत्व में एक अंतर-मंत्रालीय टीम के गठन का आदेश दिया। निवासियों को भोजन, पानी और आश्रय सहित आवश्यक आपूर्ति प्रदान करने के लिए भारतीय सेना को क्षेत्र में तैनात किया गया है।

(Udaipur Kiran) / सुमन लता

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