हाई कोर्ट की टिप्पणी
मुंबई,26 फरवरी (Udaipur Kiran) । बांबे हई कोर्ट ने एक महिला को जमानत दे दी है,जिस पर अपने 7 वर्षीय बेटे को उसके प्रेमी के साथ मिलकर पीटने का आरोप है। अदालत ने महिला को जमानत देते हुए कहा कि कोई भी मां अपने बच्चे की हत्या के बारे में नहीं सोच सकती।
शिकायतकर्ता पिता और आरोपी मां के बीच वैवाहिक विवाद था। इस मामले में नाबालिग लड़के के पिता ने मामला दर्ज कराते हुए दावा किया कि उसकी अलग रह रही पत्नी और उसके प्रेमी ने लड़के को कई बार बेरहमी से पीटा।एक बार तो उसे जान से मारने की कोशिश की गई। प्रेमी ने लड़के के साथ यौन उत्पीड़न भी किया। न्यायाधीश मिलिंद जाधव की एकल खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा किपहली नजर में यह अविश्वसनीय लगता है,कोई भी मां अपने बच्चे को पीटने के बारे में नहीं सोचेगी। अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस इस मामले में याचिकाकर्ता को उसकी गिरफ्तारी का कारण बताते समय प्रासंगिक दंड प्रक्रिया संहिता के अनिवार्य प्रावधानों का पालन करने में विफल रही है। अदालत ने आरोपी महिला को15,000रुपये के जमानत बांड पर जमानत दे दी।
अदालत ने यह भी कहा कि साक्ष्य और चिकित्सा दस्तावेज दर्शाते हैं कि याचिकाकर्ता ने बच्चे की देखभाल और सहायता के लिए काफी प्रयास किया है,जबकि नाबालिग की चिकित्सा रिपोर्ट दर्शाती है कि वह मिर्गी की बीमारी से पीड़ित है और इसके कारण विकलांग हो गया है।
शिकायत के अनुसार नाबालिग के माता-पिता के2019में अलग हो जाने के बाद लड़का अपने पिता के साथ रत्नागिरी में रह रहा था। साल 2023में महिला बच्चे को जबरन मुंबई ले गई। पिता ने दहिसर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि मुंबई लाने के बाद लड़के के साथ कई बार मारपीट की गई और एक बार तो उसे जान से मारने की कोशिश भी की गई। इस शिकायत के आधार पर आरोपी महिला को अक्टूबर2023में गिरफ्तार किया गया और तब से वह हिरासत में है।
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(Udaipur Kiran) / वी कुमार
