शिमला, 21 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में ऐसा कोई भी पंजीकृत होटल नहीं है जो वन भूमि में बनाया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग ने होटल का पंजीकरण हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास और रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 2002 व हिमाचल प्रदेश पर्यटन वाणिज्य नियम 2012 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत किया जाता है। होटल का पंजीकरण राजस्व दस्तावेज इत्यादि की छानबीन करने के बाद ही किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए टीसीपी, साडा, नगरपालिक, नगर परिषद, संबंधित स्थानीय निकाय से आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जाती है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा इकाई स्थापित करने के लिए स्वीकृति देने से पूर्व भी राजस्व कागजात की पड़ताल की जाती है। इसी के बाद पर्यटन विभाग में किसी भी इकाई को पंजीकृत किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूरे राज्य में अनधिकृत निर्माण को नियमित करने के लिए ऐसी कोई नीति प्रस्तावित नहीं करती है।
नियम-62 के अंतर्गत लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में केवल सिंह पठानिया ने कहा कि नड्डी, मैकलोडगंज, शिमला, धर्मशाला, कसौली, मनाली में ऐसे कई होटल है जोकि कागजों के अनुसार नहीं चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई होटल ऐसे हैं जिन्होंने परमिशन तो चार से पांच कमराें की ली है, लेकिन वह 20 से ज्यादा कमरे चला रहे हैं, जिससे की सरकार को राजस्व में घाटा हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इसमें विभागों के अधिकारियों की जवाबदेही तय हो, ताकि इस तरह से अवैध रूप से होटल न चल सके। उन्होंने यह भी कहा कि वन विभाग की जमीन पर होटल चल रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा